मध्य प्रदेश के पीथमपुर क्षेत्र में स्थित यूनियन कार्बाइड के पुराने कचरे को जलाने को लेकर उठे विवाद ने एक नया मोड़ लिया है। सीएम Mohan Yadav के ताजातरीन फैसले के बाद, पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड से संबंधित कचरे को जलाने का काम फिलहाल रुकने जा रहा है। यह फैसला राज्य में एक बड़े विवाद के बाद लिया गया है, जिसने न केवल स्थानीय नागरिकों, बल्कि पर्यावरण विशेषज्ञों और राजनीतिक नेताओं को भी चिंतित कर दिया था।

कचरा जलाने की योजना पर बवाल
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के पुराने कचरे को जलाने की योजना पहले से ही चर्चा का विषय बनी हुई थी। यह कचरा उस पुराने रासायनिक संयंत्र से जुड़ा हुआ है, जिसे 1984 में भोपाल गैस त्रासदी के बाद बंद कर दिया गया था। वर्षों से इस कचरे का निस्तारण करने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन इसे जलाने के खिलाफ स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की आपत्तियाँ लगातार बढ़ती जा रही थीं।
जैसे ही कचरा जलाने की योजना का खुलासा हुआ, विरोध तेज हो गया। लोगों ने इस कदम को पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरे के रूप में देखा, और साथ ही इस कदम से क्षेत्र की जलवायु पर संभावित दुष्प्रभावों की भी आशंका जताई। इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ी, और कई राजनैतिक दल भी इस मुद्दे पर विरोध करने के लिए मैदान में उतर आए।
सीएम का अहम फैसला
मामला बढ़ते देख, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए यूनियन कार्बाइड वाले कचरे को जलाने की योजना को फिलहाल रोकने का आदेश दिया। सीएम ने कहा, “हमने स्थानीय लोगों की चिंता और विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। इस मुद्दे पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा।”


उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार कचरे के निस्तारण के अन्य सुरक्षित और पर्यावरणीय रूप से उचित तरीकों पर विचार करेगी। इस निर्णय से स्थानीय लोगों को राहत मिली, जिन्होंने कचरे को जलाने से होने वाले संभावित खतरे को लेकर चिंता जताई थी।
विरोध और प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद विरोध करने वाले नेताओं और समूहों ने इसे एक बड़ी जीत के रूप में देखा। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इसे पर्यावरण की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जबकि स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री के फैसले की सराहना की।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस कचरे का सही तरीके से निस्तारण बेहद जरूरी है, और इसमें अधिक समय लगाने से समस्या और बढ़ सकती है। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द एक स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि भविष्य में पर्यावरण पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।
आगे की राह
सीएम के फैसले के बाद, अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस मामले को किस दिशा में ले जाती है। क्या वे इस कचरे के सुरक्षित निस्तारण के लिए कोई नया तरीका अपनाते हैं, या फिर यह विवाद और बढ़ेगा? यह मुद्दा अभी पूरी तरह से हल नहीं हुआ है, लेकिन फिलहाल पीथमपुर के निवासी राहत की सांस ले सकते हैं कि यूनियन कार्बाइड वाला कचरा जलाने की प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है।
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