भोपाल: राजधानी भोपाल में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक नई पहल की गई है, जिसमें एआई आधारित इमेज प्रोसेसिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, अब हर उद्योग पर 24 घंटे निगरानी रखी जा सकेगी, जिससे प्रदूषण के स्तर का तुरंत पता लगाया जा सकेगा और तय सीमा से अधिक होने पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
पॉल्यूशन :- 1500 उद्योगों की निगरानी
भोपाल में छोटे और बड़े मिलाकर लगभग 1500 उद्योग हैं, जिनमें से 800 केवल गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित हैं। शहर के नव विकसित क्षेत्रों में भी उद्योगों की स्थापना हुई है, लेकिन अब तक प्रदूषण मापने के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं थी। नया सिस्टम हर उद्योग से जुड़े कैमरों के माध्यम से वास्तविक समय में डेटा प्रदान करेगा।
एआई और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्थापित एआई प्रणाली उद्योगों की गतिविधियों पर निगरानी रखेगी। मौजूदा सीसीटीवी कैमरे, जो सुरक्षा मापदंडों के तहत सभी उद्योगों में अनिवार्य हैं, का उपयोग किया जाएगा। राजधानी के 1500 उद्योगों में चार हजार से अधिक कैमरे स्थापित हैं, जो प्रदूषण स्तर की रिपोर्ट तैयार करने में मदद करेंगे।
मौजूदा स्थिति की समस्या
वर्तमान में, शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में रियल टाइम मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है और मैन्युअल आंकड़ों के आधार पर ही निगरानी की जाती है। केवल तीन स्थानों पर रियल टाइम सिस्टम मौजूद है। यह नई तकनीक न केवल प्रदूषण के स्तर को मापने में मदद करेगी, बल्कि इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित भी करेगी।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
उद्योगों द्वारा उत्पन्न प्रदूषण से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। उत्पाद तैयार करने में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल और केमिकल का सही तरीके से निपटारा न होने पर जल और भूमि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है। इस संदर्भ में, यूनियन कार्बाइड जैसी घटनाओं के उदाहरण भी हैं, जो दिखाते हैं कि लापरवाही के नतीजे कितने भयंकर हो सकते हैं।
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इस पहल से न केवल उद्योगों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, बल्कि भोपाल की हवा और जल गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद भी है। प्रदूषण पर काबू पाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।