22 और 23 अप्रैल को झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज, अंतिम संस्कार के दिन भी शोक जारी रहेगा
नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025 —
भारत सरकार ने रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख और विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता पोप फ्रांसिस के निधन पर देशभर में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पोप फ्रांसिस का सोमवार, 21 अप्रैल को निधन हो गया। उनके सम्मान में यह शोक मंगलवार, 22 अप्रैल और बुधवार, 23 अप्रैल को मनाया जाएगा, जबकि तीसरा दिन उनके अंतिम संस्कार के अवसर पर घोषित किया गया है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, इस अवधि में पूरे देश में उन सभी सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है। साथ ही, किसी भी प्रकार के आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा।
पोप फ्रांसिस, जिनका जन्म नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था, मार्च 2013 में पोप चुने गए थे। वह पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे और अपने सादगीपूर्ण जीवन, सामाजिक न्याय के लिए सक्रिय भूमिका और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर बेबाक राय रखने के लिए विश्वभर में सम्मानित थे। उनके निधन से न केवल कैथोलिक समुदाय, बल्कि पूरी दुनिया में शोक की लहर है। भारत में भी धार्मिक नेताओं, राजनेताओं और आम नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

वेटिकन की ओर से जारी वीडियो संदेश में बताया गया कि पोप फ्रांसिस पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उन्हें हाल ही में डबल निमोनिया भी हो गया था, जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखा गया था। कुछ समय पहले स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद वह घर लौटे थे, लेकिन सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 88 वर्ष के थे।
भारत में कई प्रमुख चर्चों और ईसाई संगठनों ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। दिल्ली, गोवा, मुंबई, और कोच्चि समेत कई जगहों पर विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की गई हैं।
राजकीय शोक के दौरान क्या-क्या होता है?
- राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा: सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झंडे पर रहेगा।
- सरकारी और सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित: सभी तरह के उद्घाटन, सांस्कृतिक और मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए जाते हैं।
- मनोरंजन गतिविधियों पर रोक: कई सिनेमाघर, थिएटर, टीवी और रेडियो चैनल्स भी इस दौरान शोक सामग्री का प्रसारण करते हैं।
- स्कूल-कॉलेज, सरकारी दफ्तर: आमतौर पर खुले रहते हैं, लेकिन विशेष परिस्थिति में इन्हें बंद किया जा सकता है।
- सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार: पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है और गन सैल्यूट दिया जाता है।
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भारत सरकार का यह निर्णय पोप फ्रांसिस की वैश्विक भूमिका और उनके मानवता के प्रति योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है। दुनिया भर में शांति और समानता की प्रेरणा देने वाले इस धर्मगुरु को भारत की ओर से अंतिम विदाई बेहद सम्मान के साथ दी जा रही है।