मध्यप्रदेश के सीधी जिले के मझौली क्षेत्र में स्थित बघेला हेरिटेज रिसॉर्ट एक बार फिर से चर्चा में है। कारण है – एक और रसोइए की संदिग्ध मौत। इस बार 32 वर्षीय विपिन नामदेव का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला, और यह घटना पिछले वर्ष उसी रिसॉर्ट में हुई रसोइए जयलाल केवट की रहस्यमयी मौत की याद ताजा कर गई है। लगातार दूसरी मौत ने स्थानीय लोगों में दहशत और संदेह की लहर दौड़ा दी है।
पहली मौत बनी रहस्य
करीब एक साल पहले जयलाल केवट नामक रसोइए का शव बघेला हेरिटेज रिसॉर्ट के पिछवाड़े एक पेड़ से लटका मिला था। उस वक्त भी पुलिस ने मामले की जांच की, परंतु अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वह आत्महत्या थी या किसी गहरे षड्यंत्र का हिस्सा। घटना धीरे-धीरे धुंध में खो गई, और कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आ पाया।
फिर एक और फांसी पर लटकता शव
अब एक बार फिर, उसी रिसॉर्ट में काम करने वाले विपिन नामदेव, जो मूलतः उमरिया जिले के बिजौरी गांव के निवासी थे, का शव उनके किराए के कमरे में फांसी से झूलता पाया गया। वह मझौली नगर के वार्ड क्रमांक 06 में एक कमरा लेकर रहते थे और वहीं से रोज़ रिसॉर्ट में खाना पकाने के लिए जाते थे।
शव मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फिर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया।
रिसॉर्ट पर सवालों की बौछार
इस दोहराई गई घटना के बाद स्थानीय लोग और समाजसेवी संगठनों में आक्रोश पनपने लगा है। लोगों का मानना है कि जब एक साल पहले हुई मौत की सच्चाई नहीं सामने आई, और अब फिर उसी जगह काम करने वाला दूसरा रसोइया फांसी पर लटकता मिला है, तो यह सिरफ आत्महत्या का मामला नहीं हो सकता।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुलिस को इन दोनों मामलों की कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच करनी चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि रिसॉर्ट के अंदर कुछ ऐसा हो रहा है जिसे बाहर नहीं आने दिया जा रहा? क्या दोनों मौतों के पीछे एक समान कारण या साजिश हो सकती है?

पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने फिलहाल मामले में आत्महत्या की आशंका जताई है, लेकिन दोनों घटनाओं में समानता और समय का अंतर लोगों के संदेह को और गहरा कर रहा है।
हालांकि पुलिस ने यह भी कहा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है, और मामले में किसी भी एंगल को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा।
परिजनों की चुप्पी या डर?
दिलचस्प बात यह है कि विपिन नामदेव के परिजन भी मौत के पीछे किसी साजिश की बात करने से बच रहे हैं। क्या वे किसी भय के कारण चुप हैं, या वाकई में घटना आत्महत्या ही है – यह जांच का विषय है।
वहीं जयलाल केवट के परिवार ने एक साल पहले इस मामले को लेकर कई सवाल उठाए थे, लेकिन उचित न्याय न मिल पाने के कारण वे भी मौन हो गए थे।
क्या है बघेला हेरिटेज रिसॉर्ट?
सीधी जिले में पर्यटकों के लिए आकर्षण बनता यह रिसॉर्ट पहले से ही कई विवादों और अफवाहों से घिरा रहा है। लेकिन कभी खुलकर कोई जांच या खुलासा सामने नहीं आया। दो कर्मचारियों की रहस्यमयी मौत अब इस रिसॉर्ट की साख और संचालन पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
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एक के बाद एक, दो रसोइयों की मौत किसी सामान्य संयोग का हिस्सा नहीं लगती। ऐसे में पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करें। वरना यह डर कायम रहेगा कि कहीं कोई “मौत का रिसॉर्ट” तो नहीं चल रहा, जहां सच्चाई हमेशा फांसी के फंदे पर झूल जाती है।