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भीषण सड़क हादसा: ग्वालियर-शिवपुरी लिंक रोड पर कांवड़ियों को कार ने कुचला, 4 की दर्दनाक मौत

ग्वालियर जिले में सावन के पावन महीने के दौरान उस समय मातम पसर गया जब शिवभक्त कांवड़ियों का एक समूह एक भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया। मंगलवार की रात 22 जुलाई को, ग्वालियर-शिवपुरी लिंक रोड पर तेज रफ्तार अनियंत्रित कार ने कांवड़ियों को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।

घटना का समय और स्थान

यह दुर्घटना रात लगभग 12 बजे हुई, जब श्रद्धालु कांवड़िए शिवपुरी से ग्वालियर की ओर पैदल यात्रा कर रहे थे। उसी दौरान, एक कार का टायर अचानक फट गया, जिससे वाहन अनियंत्रित होकर सीधे कांवड़ियों पर चढ़ गया। कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि टक्कर के बाद वह सड़क किनारे गड्ढे में जा गिरी।

मौके पर चार की मौत, कई घायल

घटना की भयावहता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए। घायलों को तत्काल जयारोग्य अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान एक और श्रद्धालु ने दम तोड़ दिया। हादसे में कुल 13 कांवड़िए शामिल थे, जिनमें 6 गंभीर रूप से घायल हैं। चार की मौत की पुष्टि की जा चुकी है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। सिटी एसपी हिना खान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, “हमें सूचना मिली कि शीतला माता हाईवे पर एक हादसा हुआ है, जिसमें कुछ कांवड़िए घायल हुए हैं। मौके पर पहुंचने पर तीन की मौत हो चुकी थी, और घायलों को अस्पताल भेजा गया। इलाज के दौरान एक और की मृत्यु हो गई।”

उन्होंने यह भी बताया कि कार के टायर फटने से वाहन अनियंत्रित हो गया था, जो इस हादसे का प्राथमिक कारण माना जा रहा है। मामले की जांच जारी है और कार चालक से पूछताछ की जा रही है।

शिवभक्तों में आक्रोश और शोक

हादसे के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। जो श्रद्धालु भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर कांवड़ यात्रा पर निकले थे, उनके लिए यह यात्रा जीवन का अंतिम पड़ाव बन गई। हादसे की खबर फैलते ही परिजन, ग्रामीण और श्रद्धालु अस्पताल व घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।

स्थानीय लोगों और शिवभक्तों में प्रशासन के प्रति नाराजगी भी देखने को मिली। उन्होंने मांग की कि सावन के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन को पहले से बेहतर व्यवस्थाएं करनी चाहिए थीं। कई श्रद्धालुओं ने सवाल उठाया कि हाईवे पर कांवड़ियों के चलने के दौरान ट्रैफिक नियंत्रण क्यों नहीं किया गया।

सावन में सुरक्षा पर उठते सवाल

यह हादसा न सिर्फ चार निर्दोष श्रद्धालुओं की जान ले गया, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर गया कि क्या सावन जैसे पर्वों पर प्रशासन पर्याप्त सुरक्षा देता है? क्या कांवड़ियों के मार्गों पर ट्रैफिक कंट्रोल, हाई-वे सुरक्षा व हेल्थ सपोर्ट जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं होती हैं?

विशेषज्ञों का कहना है कि सावन के महीने में हर साल लाखों श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हैं, ऐसे में ट्रैफिक नियंत्रण, अस्थायी सड़क सुरक्षा संकेत और मेडिकल सुविधा जैसे उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

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ग्वालियर-शिवपुरी लिंक रोड पर हुए इस हादसे ने न केवल चार घरों के चिराग बुझा दिए, बल्कि एक पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या भक्ति और श्रद्धा के मार्ग पर चलना अब सुरक्षित नहीं रहा? प्रशासन को चाहिए कि वह इस घटना से सबक ले और भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाए।

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