भोपाल: नाराज सरपंचों ने राजधानी भोपाल के सड़कों पर अपनी ताकत दिखाई है। मध्य प्रदेश सरकार के फैसले से प्रदेश भर के सभी सरपंच नाराज चल रहे हैं जिनमें से हजारों की संख्याओं में सरपंचों ने भोपाल के सड़क पर उतर गए हैं। प्रदेश के सरपंचों ने अपनी 24 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और सरकार को एक कल्टीवेटर भी दे दिया कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तो वह पंचायत की तालाबंदी भी करेंगे।

24 सूत्री मांगों को लेकर किया गया प्रदर्शन
सरपंच संग गणेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात करने का प्रयास किया पर उनको उनसे नहीं मिलने दिया गया जिसके बाद उनकी नाराजगी बढ़ गई और प्रदर्शन सड़कों पर उतर आया यहां पर हजारों की संख्याओ में सरपंच जुटे और प्रदर्शन किया। बाद में वह आगे चलकर मुख्यमंत्री आवास का घिराव करना चाहते थे पर पुलिस बल द्वारा उन्हें पहले ही रोक दिया गया।
उनका कहना है कि सरकार द्वारा उन्हें वादा किया गया था कि वह पंचायत के प्रति ध्यान देंगे पर लोकसभा चुनाव बीत गया विधानसभा कब का बीत गया पर पंचायत की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है कई ऐसे नियमों में बदलाव किए गए जो जनता के हित में नहीं है। सरपंचों का कहना है कि हमने जनता से कुछ वादे किए थे पर सरकार के रवैया के चलते हम उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं और सरपंच से झूठा पाया जा रहा है।

मनरेगा को लेकर नाराजगी
सरपंच की मांग की आर्थिक मजबूती से जुड़ी हुई है साथ में मनरेगा का पेमेंट भी रोक देना सरपंचों की नाराजगी का सबसे बड़ा कारण है। जरासंध मध्य प्रदेश की सरकार ने एक आदेश के जरिए गांव में मनरेगा के माध्यम से होने वाले भुगतानों पर रोक लगा दी है। सरकार का मानना है कि कई जगह पर पेमेंट में बहुत ज्यादा गड़बड़ी पाई गई है। इसीलिए अब पेमेंट पंचायत में होता है। और पेमेंट होने से पहले उसको ऑडिट किया जाएगा जांच की जाएगी परख की जाएगी क्योंकि कई जिलों में इसकी शिकायत मिली थी यही वजह है कि सरपंच इस बात को लेकर काफी ज्यादा गुस्से में है उपभोक्ता ना होने की वजह से मजदूर अलग-अलग चल रहे हैं।
फिलहाल 15 दिन का अल्टीमेटम देकर इसे प्रदर्शन को खत्म करने का ऐलान कर दिया गया है। अब इससे मामले में मोहन सरकार क्या निर्णय लेती है यह तो आगे चलकर ही पता चलेगा।।।