भोपाल:- मध्यप्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है, जब वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बंद की गई राजधानी परियोजना प्रशासन (CPA) को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है। यह निर्णय राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है और इसे एक बड़ा प्रशासनिक कदम माना जा रहा है।
CPA को अगस्त 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भंग कर दिया गया था। इसके पीछे मुख्य कारण राजधानी भोपाल की बदहाल सड़कों की स्थिति को बताया गया था। चौहान सरकार ने उस समय कहा था कि CPA के निष्पादन में खामियां थीं और इन समस्याओं को देखते हुए इस विभाग को भंग करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद, अप्रैल 2022 में CPA को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया और इसके दायित्वों को अन्य विभागों में बाँट दिया गया।
हालांकि, वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस स्थिति को बदलने का निर्णय लिया है। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है और लोगों में भी उत्सुकता जगा दी है कि CPA के पुनर्निर्माण से भोपाल की बुनियादी ढांचे की समस्याओं का समाधान होगा या नहीं।
सीएम मोहन यादव ने इस निर्णय को लागू करने के लिए बीते शुक्रवार को दिल्ली का दौरा किया। वहां उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और CPA के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात की और इस परियोजना के लिए केंद्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
भोपाल में सीएम मोहन यादव
सीएम मोहन यादव ने कहा, “भोपाल में CPA का एक लंबा इतिहास रहा है। यह विभाग सड़कों, पार्कों और सरकारी इमारतों के निर्माण, विकास और रखरखाव का कार्य करता था। इसके अलावा, यह नजूल भूमि की सुरक्षा और विकास में भी सक्रिय था। CPA के भंग होने के बाद से इन क्षेत्रों में कई समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।”
उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से CPA के पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। सीएम यादव का कहना है कि अगर CPA को पुनर्जीवित किया जाता है, तो यह न केवल भोपाल की बुनियादी सुविधाओं को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि इससे राजधानी की विकास गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
सीएम यादव ने अपने बयान में यह भी बताया कि CPA का पुनर्निर्माण सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि यह भोपाल के नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि हम भोपाल को एक आदर्श राजधानी बनाएँ, जिसमें नागरिकों को सभी सुविधाएं मिलें और शहर की खूबसूरती और बुनियादी ढांचे में सुधार हो।”
CPA के बंद होने के बाद, भोपाल की सड़कों और पार्कों की देखरेख का जिम्मा विभिन्न अन्य विभागों को सौंपा गया था। हालांकि, इन विभागों ने पूरी तरह से CPA की तरह कार्य नहीं किया, जिसके कारण कई समस्याएं उत्पन्न हुईं। सड़कों की स्थिति में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता थी, जिसे देखते हुए CPA को पुनर्जीवित करने का फैसला लिया गया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि CPA के पुनर्निर्माण के लिए केंद्रीय सरकार से मिलने वाली सहायता किस प्रकार की होगी और यह कितनी जल्दी लागू हो पाएगा। अगर यह परियोजना सफल होती है, तो यह निश्चित रूप से भोपाल के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी और नागरिकों की समस्याओं का समाधान करेगी।
सीएम मोहन यादव का यह कदम न केवल राज्य के नागरिकों के लिए एक नई आशा का संकेत है, बल्कि यह प्रशासनिक सुधारों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार अपनी योजनाओं और नीतियों के प्रति गंभीर है और प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।