मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जो अपनी गर्भवती पत्नी को अस्पताल ले जा रहे थे। हादसा तब हुआ जब उनकी कार रात के अंधेरे में डिवाइडर से टकराकर पलट गई। घटना में मृतक की पत्नी सुरक्षित रहीं और कुछ देर बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया।
दुर्घटना का विवरण
हादसा 21 जनवरी की देर रात लालघाटी स्थित हलालपुर बस स्टैंड के पास हुआ।
- कार चला रहे महेंद्र मेवाड़ा (रातीबढ़ निवासी) अपनी पत्नी बबली को प्रसव पीड़ा के चलते भोपाल के अस्पताल ले जा रहे थे।
- कार में महेंद्र के साथ उनकी मां, बुआ, साढ़ू सतीश मेवाड़ा और पत्नी मौजूद थीं।
- अंधेरे और सड़क पर रोशनी की कमी के कारण कार डिवाइडर से टकरा गई और पलट गई।
परिणाम
- हादसे में महेंद्र मेवाड़ा और उनके साढ़ू सतीश मेवाड़ा की मौके पर ही मौत हो गई।
- कार में सवार अन्य लोग मामूली रूप से घायल हुए और उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।
- हादसे के एक घंटे बाद महेंद्र की पत्नी ने अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया।
गांव में मातम का माहौल
बेटी के जन्म के साथ खुशी का जो माहौल बन सकता था, वह दो लोगों की मौत के कारण पूरी तरह शोक में बदल गया। गांव और परिवार में गम और दुख का माहौल है।

सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
मध्य प्रदेश में सड़क हादसों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं:
- 2022: 6,357 लोगों की मौत।
- 2021: 5,742 लोगों की मौत।
- देशव्यापी आंकड़े (2022):
- 4,61,312 सड़क हादसे।
- 1,68,491 घातक परिणाम।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि अंधेरे, सड़क पर रोशनी की कमी, तेज गति, और सड़क सुरक्षा मानकों की अनदेखी सड़क हादसों के प्रमुख कारण हैं।
समाज के लिए संदेश
यह हादसा सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के महत्व को उजागर करता है। खासकर रात के समय सफर के दौरान सतर्कता और सड़क पर बेहतर रोशनी की आवश्यकता को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
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इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि सड़क दुर्घटनाएं न केवल जीवन को छीन लेती हैं, बल्कि परिवारों को भी बिखेर देती हैं। बेटी के जन्म के साथ जुड़ी खुशी भी इस हादसे के कारण गहरे शोक में बदल गई। प्रशासन और समाज को मिलकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।