भोपाल
भोपाल की पूर्व सांसद और भाजपा नेत्री साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजधानी भोपाल समेत पूरे प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह और संतोष का माहौल देखने को मिला। भाजपा नेताओं ने मिठाइयां बांटी और फैसले को हिंदुत्व और सत्य की जीत बताया।
उमा भारती ने जताई खुशी
फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल में आतिशबाजी कर अपनी खुशी जाहिर की। इस दौरान वे भावुक हो गईं और कहा कि यह फैसला सिर्फ प्रज्ञा ठाकुर की नहीं, बल्कि भगवा और सनातन धर्म की जीत है।
उन्होंने कहा, “मैं इतनी खुश हूं कि शब्द नहीं हैं। वर्षों तक एक संन्यासिनी को झूठे आरोपों में फंसाकर प्रताड़ित किया गया। अब भगवा को आतंक से जोड़ने वाले नेताओं को जवाब देना चाहिए।”
प्रज्ञा ठाकुर पहुंचीं हनुमान मंदिर
कोर्ट से राहत मिलने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी बहन उपमा सिंह और अन्य परिजनों के साथ भोपाल के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने आरती में भाग लिया और मंदिर परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा –
“यह एक साध्वी और सत्य की जीत है। मुझे वर्षों तक प्रताड़ित किया गया लेकिन न्याय की जीत हुई है।”
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने खुलकर प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पर निशाना साधा।
सांसद आलोक शर्मा ने कहा –
“यह फैसला दिखाता है कि सच्चाई कितनी भी देर से सामने आए, लेकिन झूठ को टिकाया नहीं जा सकता। साध्वी को बेवजह घसीटा गया था।”
मंत्री विश्वास सारंग ने बयान दिया –
“इस फैसले ने साबित कर दिया कि हिंदू या भगवा को आतंक से जोड़ना एक साजिश थी। यह उस मानसिकता पर करारा तमाचा है।”
विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा –
“अब कांग्रेस को जनता से माफी मांगनी चाहिए और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। हिंदू ना कभी आतंकवादी था, ना रहेगा।”

जागृत हिंदू मंच का बयान
भाजपा के सहयोगी संगठन जागृत हिंदू मंच के संयोजक दुर्गेश केसवानी ने फैसले को सत्य की जीत बताया। उन्होंने कहा –
“जिन लोगों ने भगवा और सनातन धर्म को बदनाम किया, आज का फैसला उनके लिए जवाब है। यह समाज और संस्कृति के लिए बड़ा दिन है।”
कांग्रेस की ओर से कोई बयान नहीं
इस अहम फैसले पर कांग्रेस की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस मुद्दे पर संयम बरत रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, जिनका नाम भगवा आतंकवाद की बहस में अक्सर आता रहा है, उन्होंने भी अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
राजनीतिक मायने
विशेषज्ञों के अनुसार यह फैसला आगामी चुनावों में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। भाजपा इस निर्णय को हिंदुत्व की जीत के तौर पर प्रचारित कर सकती है, वहीं कांग्रेस को अपने पुराने बयानों पर अब जनता के सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बरी होने के बाद एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अतीत में राजनीतिक उद्देश्य से धार्मिक पहचान को निशाना बनाया गया था?
फिलहाल, भाजपा खेमे में खुशी है और संतोष का माहौल है, जबकि कांग्रेस खामोश दिखाई दे रही है।