मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में बैरसिया-नरसिंहगढ़ रोड पर स्थित 49 साल पुराना पार्वती नदी का पुल गुरुवार देर रात क्रैक होकर धंस गया। इस घटना के बाद पुल पर वाहनों की आवाजाही, विशेष रूप से भारी वाहनों का गुजरना, पूरी तरह से रोक दिया गया है। घटना ने तीन जिलों—भोपाल, राजगढ़, और विदिशा के बीच का सीधा संपर्क बाधित कर दिया है।
घटनास्थल पर अधिकारियों का निरीक्षण
घटना की सूचना मिलते ही बैरसिया एसडीएम और नरसिंहगढ़ पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, पुल की मरम्मत और रखरखाव में कमी की बात सामने आई है। पुल 1976 में बना था और अपनी औसत आयु पूरी कर चुका था। इसके कारण यह अचानक धंस गया।
अस्थायी व्यवस्था और मरम्मत कार्य
अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत कार्य पूरा होने तक पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। वैकल्पिक मार्गों से यातायात की व्यवस्था की गई है ताकि प्रभावित जिलों के लोगों को असुविधा न हो।

MPRDC की जांच
मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPRDC) की टीम आज पुल का बारीकी से निरीक्षण करेगी और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। जांच में यह देखा जाएगा कि पुल की क्षति का मुख्य कारण क्या था और इसे दोबारा उपयोगी बनाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाने चाहिए।
स्थानीय लोगों की परेशानी
पुल धंसने से स्थानीय निवासियों और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से व्यापार और कृषि से संबंधित लोगों को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे समय और धन दोनों की हानि हो रही है।

पुरानी संरचनाओं की सुरक्षा पर सवाल
पार्वती नदी के इस पुल की घटना ने पुराने पुलों और सड़क संरचनाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की संरचनाओं की नियमित जांच और मरम्मत सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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यह देखना होगा कि MPRDC की रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन पुल की मरम्मत और यातायात व्यवस्था को लेकर क्या कदम उठाता है। इस बीच, स्थानीय लोगों को इस मार्ग पर आवाजाही के लिए वैकल्पिक साधनों का उपयोग करना होगा।