भोपाल: मध्य प्रदेश के IAS अफसर नियाज़ खान अपनी किताबों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। हालांकि, अब उन्होंने अपने नाम में बदलाव करने का फैसला किया है। उनका मानना है कि उनका असली नाम, “नियाज़ खान,” विदेशी पब्लिशर्स के लिए बाधा बन रहा है।
नई पहचान: MAIKAN A
नियाज़ अब अपने नाम से “खान” को हटाकर “MAIKAN A” के नाम से किताबें प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी अपने नाम में बदलाव की घोषणा की है। उनका कहना है कि यह नाम उनके नाना ने बचपन में दिया था और यह एक निकनेम है।
भोपाल:- किताबों की लोकप्रियता पर असर
नियाज़ खान ने अपने नॉवेल्स “ब्राह्मण द ग्रेट” और “वॉर ऑफ कलियुग” के माध्यम से काफी लोकप्रियता हासिल की है। लेकिन, अब उन्हें लगता है कि उनके असली नाम के कारण उनकी किताबों को उतनी पब्लिसिटी नहीं मिल रही है जितनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “खान नाम की वजह से मेरी किताबों की साहित्यिक पहचान पर असर पड़ा है। अब मैं नए नाम के साथ पाठकों के बीच नई पहचान बनाना चाहता हूं।”
विवादों से नाता
नियाज़ खान का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। उन्होंने “द कश्मीर फाइल्स” पर टिप्पणी की थी और इस विषय पर विवेक अग्निहोत्री से आग्रह किया था कि भारत में मुसलमानों की स्थिति पर एक फिल्म बनाई जाए। इसके चलते उन्हें सरकार से नोटिस भी प्राप्त हुआ था। हिजाब विवाद पर भी उन्होंने अपने विचार रखे थे, जिसके चलते वह चर्चा में रहे।
लिखने का उद्देश्य
नियाज़ खान का कहना है कि वे मुस्लिम धर्म की छवि सुधारने के लिए भी किताबें लिख रहे हैं। उनका मानना है कि नए नाम के साथ उनकी किताबें विदेशों में भी अधिक पढ़ी जाएंगी।
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अब देखना यह है कि नए नाम के साथ वे किस तरह से पाठकों का दिल जीतने में सफल होते हैं। क्या MAIKAN A नाम से उनकी किताबें विदेशों में भी धूम मचाएंगी? समय ही बताएगा।