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भौकाल या बेलगाम? विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रूद्र शुक्ला के विवादों ने बढ़ाई राजनीतिक गर्मी

इंदौर इंदौर-3 से बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनके पूजा-पाठ की तस्वीरें या धार्मिक रुझान नहीं, बल्कि उनके बेटे रूद्र शुक्ला पर लगे गंभीर आरोप हैं। शनिवार रात देवास में हुई एक घटना के बाद से विपक्ष ने विधायक शुक्ला को सीधे तौर पर घेरना शुरू कर दिया है। आरोप है कि उनके बेटे रूद्र ने मंदिर बंद होने के बाद जबरन प्रवेश की कोशिश की और पुजारी के बेटे से मारपीट की।

रूद्र शुक्ला पर आरोप है कि वे माता टेकरी मंदिर दर्शन के लिए देर रात पहुंचे और जब उन्हें मंदिर बंद मिला तो उन्होंने गुस्से में आकर पुजारी के बेटे से झगड़ा कर लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में मंदिर के पट बंद होने की परंपरा वर्षों पुरानी है, जिसे लेकर हर श्रद्धालु संयम बरतता है, लेकिन रूद्र ने न सिर्फ इस परंपरा का उल्लंघन किया, बल्कि मंदिर कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया।

अब इस पूरे घटनाक्रम का राजनीतिक रंग गहराता जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि विधायक गोलू शुक्ला अपने रसूख का इस्तेमाल करके बेटे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। विरोधियों का यह भी सवाल है कि जो व्यक्ति खुद को ‘कट्टर सनातनी’ बताता है, वह अपने बेटे को धार्मिक नियमों का पालन क्यों नहीं सिखा पाया?

रूद्र शुक्ला कोई नया नाम नहीं हैं विवादों की दुनिया में। नवंबर 2022 में इंदौर में हुए रैपर किंग अर्पण कुमार के शो के दौरान हुए बवाल में भी उनका नाम सामने आया था। उस कार्यक्रम में जबरन घुसने की कोशिश, मारपीट और कार्यक्रम रद्द होने की स्थिति बन गई थी। आरोपों में रूद्र के साथ उनके भाई और कुछ रिश्तेदारों के नाम भी शामिल थे। उस वक्त भी कार्रवाई के बजाय मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

2023 में एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रूद्र शुक्ला उज्जैन के महाकाल मंदिर में नियमों को ताक पर रखते हुए गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान पहुंच गए थे। इस धार्मिक अपमान पर जब विवाद बढ़ा, तो मंदिर प्रशासन ने जांच की बात कही, लेकिन परिणाम सामने नहीं आया।

इन तमाम घटनाओं के चलते सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या रूद्र शुक्ला अपने राजनीतिक प्रभावशाली पिता के संरक्षण में कानून से ऊपर समझे जा रहे हैं? और क्या विधायक गोलू शुक्ला की छवि इन विवादों के चलते धूमिल हो रही है?

बीजेपी की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सख्त है और विधानसभा से लेकर सड़क तक विरोध की रणनीति बना रहा है। जनता के बीच भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या जनप्रतिनिधि अपने परिवार पर नियंत्रण रखने में असफल हो रहे हैं?

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फिलहाल देवास पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन क्या इस बार रूद्र शुक्ला पर कोई ठोस कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी पुराने मामलों की तरह दबा दिया जाएगा — यही देखना बाकी है।

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