मऊगंज : मऊगंज जिले के ग्राम पंचायत नौढीया क्रमांक 1 में स्थित आदिवासी बस्ती में पिछले कई दिनों से जलभराव की समस्या गहराती जा रही है। इस समस्या से लगभग 200 आदिवासी परिवार प्रभावित हुए हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण आदिवासियों के घर गिरने की कगार पर हैं।
घरों में घुसा पानी, बीमारी का खतरा
आदिवासी बस्ती में घरों में पानी भर जाने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. घरों में घुसा पानी बीमारियों फैलाने का खतरा पैदा कर रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर प्रशासन से कई बार शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
बच्चों की शिक्षा प्रभावित:
जलभराव के कारण बच्चों की शिक्षा भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. स्कूल जाने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.
एक साल से लगातार लगा रहे गुहार:
आदिवासी परिवारों ने बताया कि वे पिछले एक साल से सड़क और जल निकासी की समुचित व्यवस्था के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने पटवारी और कलेक्टर कार्यालय में भी शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है।
कलेक्टर कार्यालय में गुहार:
परेशान आदिवासी परिवार मऊगंज कलेक्टर कार्यालय में अपनी समस्या लेकर पहुंचे। परमेश्वर कोल, जयराम कोल, पंचम कोल, बच्चा कोल, राजेश कोल, पुष्पेंद्र कोल, राजकुमारी कोल, रामवती कोल, पूनम कोल, मुलाई हेमवती, गीता कोल, संगीता कोल, रंजन कोल, सविता कोल, कलावती कोल, सुशीला कोल, राम जी कोल और जय राम कोल सहित कई अन्य आदिवासियों ने कलेक्टर से अपनी समस्या का शीघ्र समाधान करने की गुहार लगाई।
कलेक्टर का आश्वासन:
मऊगंज कलेक्टर ने पीड़ित आदिवासियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले में त्वरित कार्रवाई करें और जलभराव की समस्या को द
लंबे समय से जलभराव की समस्या आदिवासी बस्ती में चली आ रही है, लेकिन प्रशासन द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इस घटना ने प्रशासन की उदासीनता पर सवाल खड़े किए हैं।
आशा है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेगा और आदिवासी परिवारों को राहत पहुंचाएगा. साथ ही, प्रशासन को भविष्य में इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए’।