मध्यप्रदेश के मऊगंज जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। इस बार मनरेगा प्रभारी सहायक परियोजना अधिकारी (APO) नीतू सिंह पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है। ग्राम देवरी के रहने वाले दो हितग्राहियों मंगल सिंह और त्रियुगीनारायण मिश्रा ने प्रशासन से शिकायत करते हुए बताया कि ‘नंदन फल योजना’ के तहत लाभ दिलाने के बदले उनसे 4,000 रुपये की रिश्वत मांगी गई थी।
वीडियो में कैद हुआ भ्रष्टाचार
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, उन्होंने 3,500 रुपये कार्यालय में नीतू सिंह को दिए, जबकि 500 रुपये बाद में देने की बात हुई थी। यह पूरी बातचीत गुप्त रूप से रिकॉर्ड कर ली गई, जिसमें घूस लेने और मांगने की बात स्पष्ट सुनाई दे रही है। वीडियो सामने आने के बाद यह मामला तूल पकड़ रहा है, और अब प्रशासन पर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है।

मऊगंज में घूसखोरी के मामले कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं:
- कुछ महीने पहले लोकायुक्त पुलिस ने मऊगंज अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओरी को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
- इसके बाद शिक्षा विभाग के बाबू राजाराम गुप्ता को भी 20,000 रुपये की घूस लेते हुए पकड़ा गया था।
- अब मनरेगा प्रभारी नीतू सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिससे सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।
हितग्राहियों ने की कलेक्टर से शिकायत
‘नंदन फल योजना’ का लाभ न मिलने और रिश्वत मांगने की घटना के बाद हितग्राहियों ने कलेक्टर संजय जैन से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब वे पैसे देंगे, जो कि सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त नीति के खिलाफ है।
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इस मामले के उजागर होने के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन क्या कार्रवाई करता है। लोगों को उम्मीद है कि दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी, ताकि भविष्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।