मऊगंज, मध्यप्रदेश – मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले से एक चौंकाने वाला और भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है। नईगढ़ी थाना क्षेत्र के हरदी तिवरियान गांव के एक परिवार ने अपने घर में हुई भीषण चोरी के खिलाफ SP ऑफिस में अनोखा प्रदर्शन किया। पीड़ित चंद्रमणि प्रसाद मिश्र अपने परिजनों के साथ खाली गहनों के डिब्बे और बैग लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे और अपनी बेबसी को प्रदर्शन के जरिए सबके सामने रखा।
20 लाख की चोरी, डेढ़ लाख की रिपोर्ट
चंद्रमणि मिश्र ने मीडिया को बताया कि उनके घर से चोरों ने करीब 20 लाख रुपए के गहने और नकदी चोरी कर ली। लेकिन जब उन्होंने इसकी शिकायत नईगढ़ी थाना में की, तो पुलिस ने महज 1.5 लाख रुपए की चोरी की रिपोर्ट दर्ज की। इससे आहत होकर उन्होंने अनोखे तरीके से न्याय की गुहार लगाने का फैसला किया।
प्रदर्शन के दौरान परिवार के सभी सदस्यों ने चोरी गए जेवरों के खाली डिब्बे, बैग और तिजोरी के टूटे हिस्से एसपी कार्यालय के बाहर रख दिए। उनकी यह चुप्पी और प्रतीकात्मक विरोध हर किसी का ध्यान खींचने वाला था।

एडिशनल एसपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे और पीड़ितों से बातचीत की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
एएसपी विक्रम सिंह ने कहा,
“हमारी प्राथमिकता है कि पीड़ित को न्याय मिले। अगर जांच में चोरी का आंकड़ा ज्यादा निकलता है, तो रिपोर्ट को संशोधित किया जाएगा। हम पीड़ित परिवार के साथ हैं।”
‘हमारा सब कुछ लुट गया है’ – पीड़ित की पीड़ा
पीड़ित चंद्रमणि मिश्र ने बताया कि चोर उनके घर से सोने-चांदी के सभी जेवरात, नकदी और कुछ अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो गए। उन्होंने कहा,
“हमारा सब कुछ लुट गया है। हमने पुलिस को सब कुछ बताया, लेकिन रिपोर्ट में सही जानकारी दर्ज नहीं की गई। हमें न्याय चाहिए।”
उनका यह बयान पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है कि आखिर इतनी बड़ी चोरी की सही जांच और रिपोर्टिंग क्यों नहीं की गई।
प्रदर्शन से प्रशासन पर दबाव
यह प्रदर्शन सिर्फ एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था की असंवेदनशीलता पर भी सवाल है। पीड़ितों का शांतिपूर्ण और रचनात्मक विरोध न केवल मीडिया का ध्यान खींचा, बल्कि प्रशासन पर भी तुरंत कार्रवाई का दबाव बनाया।
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यह मामला सिर्फ एक चोरी का नहीं, बल्कि जनता और पुलिस के बीच भरोसे की परीक्षा का है। जब आम नागरिक खुद न्याय के लिए प्रतीकात्मक विरोध पर उतर आएं, तो यह संकेत है कि सिस्टम में सुधार की ज़रूरत है। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी संवेदनशीलता और गंभीरता से काम करती है।