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मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव एक्सटेंशन पर सस्पेंस: क्या अनुराग जैन को मिलेगा विस्तार या आएगा नया चेहरा?

भोपाल।
मध्यप्रदेश की नौकरशाही इन दिनों एक अहम सवाल पर टिकी हुई है – क्या मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन को सेवावृद्धि (एक्सटेंशन) मिलेगा या नहीं? उनका कार्यकाल इसी अगस्त महीने में समाप्त होने जा रहा है। सत्ता के गलियारों से लेकर मंत्रालय तक हर जगह इस मुद्दे पर चर्चाएं जोरों पर हैं। अगर अनुराग जैन को एक्सटेंशन मिलता है, तो यह प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में एक नई मिसाल होगी, क्योंकि यह पहला मौका होगा जब लगातार तीन मुख्य सचिवों को विस्तार दिया जाएगा।

अनुराग जैन की छवि और कार्यशैली

अनुराग जैन अपनी साफ-सुथरी छवि और बेहतर कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी छवि हमेशा ऐसे अधिकारी की रही है जो बगैर विवादों के अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते रहे हैं। यही वजह है कि कई लोग मानते हैं कि उन्हें उनके काम का इनाम जरूर मिलना चाहिए। मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि यदि केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाता है तो उनकी एक्सटेंशन की संभावनाएं काफी मजबूत हैं।

पहले भी मिल चुका है एक्सटेंशन

अनुराग जैन से पहले वीरा राणा और इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन मिल चुका है। वीरा राणा को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने सेवावृद्धि दी थी, जबकि इकबाल बैंस को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विस्तार दिया था।

दरअसल, प्रदेश बनने के 35 साल बाद पहली बार 1991 में किसी मुख्य सचिव को सेवावृद्धि दी गई थी। इसके बाद 2013 में दूसरी बार एक्सटेंशन हुआ। लेकिन बीते 12 वर्षों में लगातार विस्तार की परंपरा मजबूत हुई है और अब यह परंपरा तीसरी बार जारी रहने की ओर बढ़ रही है।

अगर एक्सटेंशन नहीं मिला तो कौन होगा अगला CS?

अगर अनुराग जैन को सेवावृद्धि नहीं मिलती है तो वह रिटायर हो जाएंगे और फिर नए मुख्य सचिव की रेस शुरू होगी। इस रेस में फिलहाल तीन नाम सबसे आगे माने जा रहे हैं।

  1. डॉ. राजेश राजौरा – मुख्यमंत्री की पहली पसंद माने जा रहे राजौरा फिलहाल जल संसाधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। हाल ही में उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से मुक्त किया गया है। उज्जैन कलेक्टर रहते हुए सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन को संभाल चुके हैं।
  2. अशोक वर्णवाल – लंबे समय से प्रशासनिक अनुभव रखने वाले वर्णवाल भी इस दौड़ में शामिल हैं।
  3. अल्का उपाध्याय – वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, इसलिए उनकी संभावना कम है।

मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि यदि एक्सटेंशन नहीं दिया गया तो सबसे मजबूत दावेदार डॉ. राजेश राजौरा होंगे।

शिवराज सरकार और एक्सटेंशन की परंपरा

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मुख्य सचिवों को सेवावृद्धि देने का सिलसिला और भी मजबूत हुआ। उनके कार्यकाल में कुल सात मुख्य सचिव रहे, जिनमें से केवल अवनि वैश्य ही ऐसे थे जिन्हें रिटायरमेंट के बाद न तो विस्तार मिला और न ही कोई बड़ा पद।

दरअसल, आजकल मुख्य सचिवों का एक्सटेंशन पूरे देश में सामान्य प्रक्रिया बन गई है। हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव को एक साल और छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को तीन महीने का विस्तार मिला है। हालांकि उत्तरप्रदेश में ऐसा नहीं हुआ।

राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व

मुख्य सचिव राज्य प्रशासन का सबसे बड़ा पद होता है और उनके एक्सटेंशन या नए चेहरे के आने से न केवल प्रशासनिक ढांचे पर असर पड़ता है, बल्कि राजनीति पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है। मुख्यमंत्री की पसंद और केंद्र सरकार का फैसला इसमें निर्णायक होता है।

सूत्रों की मानें तो अब तक प्रदेश की ओर से केंद्र को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। लेकिन जैन के करीबी मानते हैं कि उन्हें उनकी मेहनत और प्रतिनियुक्ति के दौरान किए गए कामों का लाभ मिलेगा।

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अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगस्त में होने वाले फैसले में आखिर होगा क्या।

  • अगर अनुराग जैन को एक्सटेंशन मिलता है तो यह मध्यप्रदेश में मुख्य सचिवों की पहली हैट्रिक होगी।
  • अगर नहीं मिला, तो डॉ. राजेश राजौरा के अगले मुख्य सचिव बनने की संभावना सबसे मजबूत है।

यानी आने वाले दिनों में प्रदेश की नौकरशाही के चेहरे में बड़ा बदलाव हो सकता है। प्रशासनिक हलकों से लेकर राजनीतिक गलियारों तक सबकी नजर अब इस फैसले पर टिकी हुई है।

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