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मध्यप्रदेश में सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए 80 हजार से अधिक आवेदन, 1930 पदों पर होगी नियुक्ति

भोपाल: मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने की दिशा में बड़ी पहल की गई है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा–2024 के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कुल 1930 रिक्त पदों के लिए 80,000 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है।

परीक्षा दो चरणों में

MPPSC द्वारा जारी परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार, यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण 1 जून को आयोजित होगा, जिसमें 16 विषयों की परीक्षा होगी। वहीं, दूसरा चरण 27 जुलाई को होगा, जिसमें 12 विषयों की परीक्षा प्रस्तावित है। आयोग का कहना है कि परीक्षा का आयोजन पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ किया जाएगा।

विषयवार रिक्त पद

प्रदेश के 580 से अधिक शासकीय कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए यह भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। सबसे अधिक रिक्तियां विज्ञान और गणित जैसे विषयों में हैं:

  • केमिस्ट्री: 199 पद
  • वनस्पति विज्ञान: 190
  • प्राणी विज्ञान: 187
  • भौतिकी: 186
  • गणित: 177

इसके अतिरिक्त सामाजिक विज्ञान और भाषा विषयों में भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां की जाएंगी:

  • अर्थशास्त्र: 130
  • राजनीति विज्ञान: 124
  • हिंदी: 113
  • वाणिज्य: 111
  • अंग्रेज़ी और भूगोल: 96-96 पद

खेल अधिकारी और ग्रंथपाल के पद भी शामिल

भर्ती प्रक्रिया में खेल अधिकारी के 187 पद और ग्रंथपाल (लाइब्रेरियन) के 87 पद भी शामिल हैं। ये पद कॉलेजों में शिक्षा के अतिरिक्त सहायक सेवाओं को सशक्त करने के लिए हैं।

अल्पसंख्यक और कला विषयों को भी मिला स्थान

इस बार की भर्ती प्रक्रिया में मराठी, उर्दू, संस्कृत साहित्य और संगीत जैसे अल्पसंख्यक और कला विषयों को भी शामिल किया गया है, हालांकि इनमें रिक्तियों की संख्या सीमित है। इन विषयों के उम्मीदवारों के लिए यह एक बहुप्रतीक्षित अवसर है।

सितंबर से शुरू होंगे साक्षात्कार

आयोग के अधिकारियों के अनुसार, साक्षात्कार की प्रक्रिया सितंबर से शुरू होकर दिसंबर तक पूरी की जाएगी। साथ ही, 2022 की लंबित भर्ती प्रक्रिया को भी जुलाई-अगस्त तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है।

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MPPSC की यह पहल मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा क्षेत्र को नई गति देने वाली साबित हो सकती है। अगर परीक्षा और चयन प्रक्रिया समय पर एवं निष्पक्ष रूप से पूरी की जाती है, तो यह प्रदेश के सैकड़ों कॉलेजों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर होगा।

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