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मध्य प्रदेश:- इंदौर में छात्राओं के कपड़े उतारने पर हाई कोर्ट का एक्शन, राज्य सरकार से मांगा जवाब

मध्य प्रदेश: इंदौर में शासकीय शारदा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं के कपड़े उतरवाने के विवादास्पद मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। छात्राओं के माता-पिता ने स्कूल की एक शिक्षिका पर आरोप लगाया है कि उन्होंने छात्राओं के कपड़े उतरवाकर मोबाइल ढूंढने की अनुचित कार्रवाई की।

शासकीय शारदा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय

मामला क्या है?

मल्हारगंज थाना क्षेत्र के गणपति चौराहा स्थित शासकीय शारदा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 2 अगस्त 2024 को एक विवाद उत्पन्न हुआ। आरोप है कि एक शिक्षिका ने मोबाइल फोन ढूंढने के नाम पर छात्राओं के कपड़े उतरवाए। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद छात्राओं ने अपने परिजनों को सूचित किया, जिन्होंने मल्हारगंज थाने पर शिकायत दर्ज कराई।

मध्य प्रदेश पुलिस और प्रशासन की भूमिका

परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने घटना की गंभीरता को नजरअंदाज करते हुए एक सप्ताह तक कोई अपराध दर्ज नहीं किया। इसके बाद जब परिजन स्कूल में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो प्रधान आरक्षक प्रीति ने नाबालिग लड़कियों के बयान लेने के लिए स्कूल का दौरा किया। परिजनों का कहना है कि प्रधान आरक्षक वर्दी पहनकर नहीं आईं, जो कि जुवेनाइल एक्ट का उल्लंघन है। इसके अलावा, दो आईसी भी मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रोटोकॉल का पालन करने में असफल रहे।

हाईकोर्ट की कार्रवाई

इस मामले में गंभीरता को देखते हुए इंदौर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सात दिन के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी तय किया है कि मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनके प्रति अनुशासन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाईकोर्ट की कार्रवाई से उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।

अगली कार्रवाई

हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार से जवाब मांगे जाने और कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के आदेश के बाद, यह देखना होगा कि प्रशासन और पुलिस इस मुद्दे को कैसे संबोधित करते हैं। इस बीच, छात्राओं और उनके परिजनों की चिंता और सवाल अनुत्तरित बने हुए हैं, जो न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

यह मामला शिक्षा व्यवस्था और न्यायपालिका के बीच एक महत्वपूर्ण वार्तालाप का संकेत है, जो सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति, विशेषकर बच्चे, सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें।

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