मध्य प्रदेश:-जब हम सेहत की बात करते हैं, तो आमतौर पर खाने-पीने की चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन अगर हम आपको बताएं कि कुछ खास कपड़े पहनकर आप त्वचा संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं, तो शायद आप भी चौंक जाएंगे। यह सच है कि अब कपड़े भी स्वास्थ्य के लाभ में योगदान दे सकते हैं। मध्य प्रदेश के जबलपुर में तैयार किए जा रहे औषधियुक्त कपड़े इसी का प्रमाण हैं, जो न केवल आरामदायक होते हैं बल्कि त्वचा की बीमारियों से भी राहत प्रदान करते हैं। आइए जानें इस अनोखी पहल के पीछे की पूरी कहानी और क्यों इन कपड़ों की डिमांड दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
औषधियुक्त कपड़ों की खासियत
मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक अनूठी पहल की जा रही है, जिसमें औषधि तत्वों से युक्त कपड़े बनाए जा रहे हैं। ये कपड़े खादी वस्त्रों में औषधीय पदार्थ मिलाकर तैयार किए जाते हैं। इन कपड़ों की विशेषता यह है कि ये त्वचा की बीमारियों से बचाव करने में मदद करते हैं। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से जबलपुर के दयोदय आश्रम में ‘प्रतिभास्थली’ के अंतर्गत ‘चल चरखा महिला प्रशिक्षण एवं रोजगार केंद्र’ की बहनें इन औषधीय कपड़ों का निर्माण करती हैं।
प्राकृतिक रंग और औषधि तत्व
प्रतिभास्थली में खादी के सामान्य कपड़ों को औषधि के रंगों से रंगा जाता है। ये रंग प्राकृतिक स्रोतों से तैयार किए जाते हैं, जैसे हल्दी, मेहंदी, अनार, टेसू के फूल, नीम, और अन्य फलों और पुष्पों से। इन रंगों की विशेषता यह है कि ये पक्के होते हैं और जल्दी खराब नहीं होते। खादी को मजबूत बनाने के लिए चावल के माड़ और इमली के बीज के माड़ का उपयोग किया जाता है। इन प्राकृतिक रंगों और सामग्री के कारण कपड़े पसीने और प्रदूषण से होने वाले त्वचा रोगों से बचाव करते हैं और शरीर में विषाक्त पदार्थों को अवशोषित कर लेते हैं।
स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
प्रतिभास्थली का उद्देश्य केवल आत्मनिर्भरता ही नहीं है, बल्कि लोगों को स्वदेशी उत्पादों के प्रति प्रेरित करना भी है। यहां महिलाओं को हथकरघा के जरिए कपड़े बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, जो उन्हें रोजगार देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बनाता है। इस पहल के तहत सैकड़ों महिलाओं को रोजगार मिला है और उन्हें औद्योगिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है, जिससे वे बाहरी दुनिया में बेहतर अवसरों का सामना कर सकें।
मध्य प्रदेश:-आर्थिक और सामाजिक लाभ
प्रतिभास्थली की पहल न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी फायदेमंद है। यहां पर काम करने वाली महिलाओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ रोजगार भी मिलता है, जिससे वे अपने जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकती हैं। साथ ही, यहां पर पढ़ाई कर रही बच्चियों को भी 8वीं कक्षा से ही हथकरघा से संबंधित शिक्षा दी जाती है। ये छात्राएं 12वीं कक्षा तक आते-आते साड़ी बनाना सीख जाती हैं, जिससे उन्हें भविष्य में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।
ग्राहकों की राय
औषधियुक्त कपड़ों का उपयोग करने वाले ग्राहकों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। बहुत से ग्राहकों ने बताया कि इन कपड़ों को पहनने से उन्हें त्वचा रोगों से राहत मिली है। इसका मतलब है कि इन कपड़ों का स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और ग्राहक उनकी गुणवत्ता और फायदों को मान्यता दे रहे हैं।
आगे की योजनाएं
प्रतिभास्थली में इन औषधियुक्त कपड़ों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए, भविष्य में और भी नए उत्पाद और डिजाइन पेश करने की योजना है। इसके साथ ही, इस पहल के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में और भी कदम उठाए जाएंगे।
अंततः, औषधियुक्त कपड़े केवल एक फैशन ट्रेंड नहीं हैं, बल्कि स्वास्थ्य और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। जबलपुर की यह पहल न केवल लोगों को त्वचा रोगों से मुक्ति दिला रही है, बल्कि एक नई आशा और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी काम कर रही है।