भोपाल
जुलाई महीने में जहां मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में झमाझम बारिश और बाढ़ जैसे हालात बने थे, वहीं अगस्त की शुरुआत के साथ ही मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। प्रदेश के कई हिस्सों में मानसून की सुस्ती और तेज धूप ने लोगों को परेशान कर दिया है। दिन में चिलचिलाती धूप और रात में भारी उमस ने आम जनजीवन को बेहाल कर दिया है।
मानसून बना रूठा मेहमान
अगस्त के पहले सप्ताह में प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश लगभग थमी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 से 5 दिनों तक प्रदेश में किसी बड़े बारिश के सिस्टम के सक्रिय होने की संभावना नहीं है। इसका सीधा असर राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में देखने को मिल रहा है, जहां आसमान साफ है और धूप तीखी पड़ रही है।
रक्षाबंधन पर नहीं भीगेगा प्रदेश
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार रक्षाबंधन (19 अगस्त) तक राज्य में किसी बड़े बारिश के सिस्टम की संभावना नहीं है। यानी त्योहार के दौरान बारिश से कोई खलल नहीं पड़ेगा, लेकिन उमस और गर्मी बनी रह सकती है।
खजुराहो में सबसे अधिक गर्मी
बीते 24 घंटों में खजुराहो प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां पारा 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। इसके अलावा नर्मदापुरम, मंडला और जबलपुर में भी तापमान 34 डिग्री को पार कर गया।
जुलाई में रिकॉर्ड तोड़ बारिश
हालांकि मानसून की शुरुआत प्रदेश के लिए अच्छी रही। जुलाई महीने में मध्यप्रदेश में औसत से 40% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

- पूर्वी मध्य प्रदेश: 45% अधिक
- पश्चिमी मध्य प्रदेश: 36% अधिक
यह आकड़ा बताता है कि अब तक वर्षा सामान्य से कहीं अधिक हुई है, लेकिन अगस्त में यह रफ्तार ठहर सी गई है।
कुछ जिलों में बूंदाबांदी की संभावना
मौसम विभाग ने गुरुवार को कुछ जिलों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना जताई है। इसमें भोपाल, विदिशा, राजगढ़, सीहोर, उज्जैन, इंदौर, शहडोल, रीवा, सिंगरौली, सतना, सीधी, बालाघाट, जबलपुर, ग्वालियर सहित 50 से अधिक जिले शामिल हैं। हालांकि ये बारिश हल्की ही रहने की उम्मीद है।
प्रमुख शहरों का तापमान
शहर | अधिकतम तापमान (सेल्सियस में) |
---|---|
जबलपुर | 34.2° |
ग्वालियर | 33.8° |
उज्जैन | 33.0° |
भोपाल | 32.7° |
इंदौर | 31.1° |
ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से बंगाल की खाड़ी की ओर एक ट्रफ लाइन बनी है, वहीं राजस्थान पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय है। बावजूद इसके, अगले कुछ दिनों तक यह सिस्टम प्रदेश में कोई विशेष प्रभाव नहीं डाल पाएंगे।
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प्रदेश में मानसून का मिजाज फिलहाल सुस्त है। अगस्त की शुरुआत में तापमान में इजाफा और बारिश की कमी से लोगों को राहत की बजाय और ज्यादा उमस का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जुलाई में अच्छी बारिश होने के कारण अभी खेतों में नमी बनी हुई है, लेकिन अगर अगस्त में भी बारिश कम रही तो आने वाले समय में खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है।
रक्षाबंधन के दिन मौसम साफ रहेगा, ऐसे में बहनें बिना छाता लिए भी भाई के घर जा सकेंगी – बस उमस से सतर्क रहें।