दतिया, मध्य प्रदेश:-मध्य प्रदेश के दतिया जिले के ग्राम पंचायत बहादुरपुर में विकास और निर्माण कार्यों में 50 लाख रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े की शिकायत सामने आई है। शिकायत के आधार पर भोपाल से एक जांच दल ने ग्राम पंचायत का दौरा कर दस्तावेजों की जांच और स्थल पर निरीक्षण किया।
जांच की जानकारी
समाजसेवी राजू त्यागी की शिकायत पर जांच दल ने मनरेगा आयुक्त के निर्देश पर बहादुरपुर का दौरा किया। इस दल में अधीक्षण यंत्री सोमर सिंह डावर और सिस्टम एनालिस्ट अंशुल अग्रवाल समेत अन्य तकनीकी अधिकारी शामिल थे। जांच दल ने ग्राम पंचायत द्वारा किए गए तालाब निर्माण, रपटा, नाला निर्माण, चारागाह वृक्षारोपण और पोषण वाटिका के कार्यों का गहन निरीक्षण किया।
फर्जीवाड़े का खुलासा
जांच दल ने पाया कि ग्राम पंचायत के अधिकारियों द्वारा किए गए निर्माण कार्यों के दस्तावेजों में अनियमितताएं हैं। ग्राम पंचायत द्वारा तैयार किए गए तालाब और अन्य कार्यों को देखने के बाद अधिकारी आश्चर्यचकित थे। जांच में सामने आया कि मनरेगा के तहत किए गए कार्यों के प्रमाण को भी गलत तरीके से दर्ज किया गया है।
ग्राम पंचायत के सरपंच और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में चल रही इस जांच के दौरान, मजदूरों के नामों को सरकारी दस्तावेजों में मनमर्जी से दर्ज किया गया और इसके बदले लाखों रुपये की रकम प्राप्त की गई।
मध्य प्रदेश:- सामाजिक कार्यकर्ता का बयान
शिकायतकर्ता समाजसेवी राजू त्यागी ने मीडिया के सामने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए। उन्होंने कहा कि यह फर्जीवाड़ा शासन की योजनाओं का दुरुपयोग है और इसकी जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
जांच अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जांच अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने मीडिया के साथ ज्यादा जानकारी साझा करने से परहेज किया और जांच में जुटे रहने की बात की।
आगे की कार्रवाई
जांच दल ने घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की बात की है। रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्राम पंचायत बहादुरपुर में हुई इस गड़बड़ी ने शासन की योजनाओं की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने मध्य प्रदेश में सरकारी योजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन की प्रभावशीलता पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।