मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में प्राकृतिक गैस के बड़े भंडारों की खोज की गई है, जो कि दमोह और छतरपुर जिलों में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) द्वारा की गई है। पिछले चार वर्षों से जारी इस खोज में सफलता के बाद, ओएनजीसी ने केंद्र सरकार को उत्खनन का प्लान भेज दिया है, और अनुमोदन मिलने पर कार्य शुरू होगा।
गैस के भंडार से संभावित राहत
प्राकृतिक गैस के इन भंडारों से सीएनजी और एलपीजी गैस बनाई जाती है, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि आम लोगों को इन गैसों की लगातार बढ़ती महंगाई से राहत मिलेगी। अगर उत्पादन शीघ्र शुरू होता है, तो इससे उपभोक्ताओं को सस्ती गैस उपलब्ध कराने में मदद मिल सकती है।
अन्य खोजों का अभियान
इसके अलावा, सरकार ने पांच अन्य स्थानों पर भी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की खोज के लिए लाइसेंस जारी किए हैं, जहां खोजबीन जारी है। दमोह और छतरपुर में मिले कोल बैड मीथेन गैस के भंडार प्राकृतिक गैस के सबसे बड़े स्रोत माने जाते हैं।

मध्य प्रदेश:- पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन की स्थापना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खनिज संसाधन विभाग की एक समीक्षा बैठक में मध्य प्रदेश में पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन की स्थापना के निर्देश दिए हैं। यह कॉर्पोरेशन प्रदेश में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की खोज, उत्पादन, वितरण और विपणन का कार्य करेगा। इस नए कॉर्पोरेशन के जरिए प्रदेश में निकलने वाली प्राकृतिक गैस का पूरा नियंत्रण रखा जाएगा।
निवेशकों के लिए अवसर
सागर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने निवेशकों को मध्य प्रदेश में पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन के लिए बने ब्लॉक्स और लाइसेंस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी की ओर से एक्सप्लोरेशन का काम जारी है, और चार नए ब्लॉक्स भी जल्द खोले जाएंगे।\
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आगामी कदम
दमोह और छतरपुर के ब्लॉक्स के व्यावसायिक उपयोग और फील्ड डेवलपमेंट का प्लान केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल हाइड्रोकार्बन को भेजा जा चुका है। जैसे ही वहां से अनुमति मिलती है, ओएनजीसी काम शुरू करने के लिए तैयार है।
मध्य प्रदेश में पेट्रोकेमिकल उद्योग के इस विकास से न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और ओएनजीसी इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाते हैं।