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मध्य प्रदेश में मौसम की मार: तेज आंधी-तूफान और बिजली गिरने से 4 की मौत, कई जगह तबाही

मध्य प्रदेश में शुक्रवार को मौसम ने अचानक करवट ली और कई जिलों में तेज आंधी, बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। जहां एक ओर प्रदेश के कुछ इलाके भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई जगहों पर बारिश और तूफान से हालात बिगड़ गए। रतलाम, श्योपुर और डबरा से कुल 4 मौतों की पुष्टि हुई है, जबकि गुना में एक मंदिर को भारी नुकसान पहुंचा है।

रतलाम में सबसे ज्यादा तबाही, दो महिलाओं की मौत

रतलाम जिले में शुक्रवार शाम तेज आंधी के साथ बारिश ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। तेज हवाओं के बीच आकाशीय बिजली गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि एक अन्य महिला का इलाज अस्पताल में जारी है। शहर के अलग-अलग इलाकों में दर्जनों पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। दुकानों के फ्लेक्स बोर्ड हवा में उड़ते दिखे और कई टीन शेड भी तूफान की चपेट में आ गए।

महलवाड़ा इलाके में एक विशाल पीपल का पेड़ गिर जाने से सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। वहीं, राजस्व कॉलोनी में बिजली के तीन पोल गिर गए, लेकिन समय रहते बिजली सप्लाई बंद कर देने से बड़ा हादसा टल गया। बड़नगर पीर झालर रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से कुछ समय के लिए रेल यातायात भी बाधित हुआ।

श्योपुर में कथा सुनने गई महिला की गई जान

श्योपुर जिले के कराहल थाना क्षेत्र के सेमरा गांव में हनुमान मंदिर के पास भागवत कथा के दौरान बिजली गिर गई। इस दौरान वहां बैठे करीब 10 लोग इसकी चपेट में आ गए। एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई और बाकी लोग घायल हो गए। अफसोस की बात यह रही कि घटना की सूचना मिलने के बावजूद एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी। स्थानीय लोगों ने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है।

डबरा में 19 साल की युवती की मौत

ग्वालियर जिले के डबरा क्षेत्र में भी आकाशीय बिजली ने एक जान ले ली। पिछोर कस्बे के पास पहाड़ी गांव में 19 वर्षीय विकेश परिहार नाम की युवती पर उस समय बिजली गिरी, जब वह अकेली घर में थी। परिजन जब मौके पर पहुंचे तो वह बेसुध थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

गुना में मंदिर का शिखर गिरा, लोगों ने किया प्रदर्शन

गुना जिले में तेज आंधी और बारिश से एक मंदिर का गुम्बद क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, पेड़ों के गिरने और बिजली के तार टूटने से शहर की बिजली व्यवस्था चरमरा गई। खासकर वार्ड क्रमांक 11 में बिजली बंद होने से लोग परेशान हो गए और सड़क पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

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प्रशासन के लिए चेतावनी

राज्य में हर साल गर्मी के मौसम में आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन प्रशासन की तैयारी न के बराबर दिखती है। इस बार भी वक्त पर राहत और बचाव न पहुंचने से नुकसान और बढ़ गया। अब ज़रूरत है कि मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लिया जाए और जोखिम वाले इलाकों में बिजली व्यवस्था, पेड़ों की छंटाई और आपात सेवा को मजबूत किया जाए।

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