Homeप्रदेशमध्य प्रदेश: 36 साल बाद कोर्ट से मिला इंसाफ, 23 कलेक्टरों पर...

मध्य प्रदेश: 36 साल बाद कोर्ट से मिला इंसाफ, 23 कलेक्टरों पर 43 लाख का जुर्माना

जबलपुर, 9 अक्टूबर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर जिले के मौजूदा कलेक्टर दीपक सक्सेना सहित 23 पूर्व कलेक्टरों से 43 लाख 90 हजार रुपए की जुर्माना राशि वसूलने का आदेश दिया है। यह निर्णय याचिकाकर्ता शशि पांडे की जमीन के अधिग्रहण और मुआवजा न मिलने के मामले में आया है, जिसके लिए उन्हें 36 साल तक न्याय की तलाश में भटकना पड़ा।

जमीन का अधिग्रहण और मुआवजा न मिलना

5 फरवरी 1988 को सरकार ने शशि पांडे की 29,150 वर्गफुट जमीन का अधिग्रहण किया, लेकिन उन्हें तत्काल मुआवजा राशि नहीं दी गई। शशि पांडे ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल बैंच में सुनवाई हुई।

हाईकोर्ट का निर्णय

कोर्ट ने पाया कि शासन और प्रशासन ने मुआवजा देने में कोताही बरती, जिसके चलते शशि पांडे को 1988 से अब तक मुआवजा नहीं मिल सका। कोर्ट ने आदेश दिया कि शशि पांडे को 10 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से हर्जाना दिया जाए, जो 1988 से 2024 तक के 439 महीनों के लिए निर्धारित किया गया।

कलेक्टरों से वसूली का आदेश

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, 23 कलेक्टरों से कुल 43 लाख 90 हजार रुपए की मुआवजा राशि वसूली जाएगी। सबसे ज्यादा 3 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना तत्कालीन कलेक्टर संजय दुबे को देना होगा। इसके अलावा, तत्कालीन कलेक्टर विवेक पोरवाल, गुलशन बामरा और एसएस डंगस को 3 लाख 60 हजार रुपए की जुर्माना राशि चुकानी होगी। केवल 2 माह तक कलेक्टर रहे अजय सिंह को 20 हजार रुपए और मौजूदा कलेक्टर दीपक सक्सेना को 90 हजार रुपए का हर्जाना देना होगा।

ये भी पढ़ें:- नहर हादसे में ड्राइवर की मौत, परिजनों ने मुआवजे की मांग की

यह फैसला न केवल शशि पांडे के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह सरकारी अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी है कि उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर रहना होगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular