सपा सांसद डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर मौलाना साजिद रशीदी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उनके बयान पर अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और भोपाल से विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। शर्मा ने साजिद रशीदी को न केवल फटकार लगाई, बल्कि माफी नहीं मांगने पर “जूते से स्वागत” तक की चेतावनी दे डाली।
क्या कहा था मौलाना साजिद ने?
मौलाना साजिद रशीदी ने एक बयान में सपा सांसद डिंपल यादव की एक तस्वीर का हवाला देते हुए कहा,
“मैं आपको एक फोटो दिखाता हूं. आप भी वह फोटो देखकर शरमा जाएंगे… दो औरतें थीं, एक मुस्लिम लिबास में थीं, वह थीं इकरा हसन और दूसरी थीं डिंपल यादव… आप उनकी पीठ का फोटो देख लीजिए।”
इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त विरोध शुरू हो गया और मौलाना पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और धार्मिक भेदभाव फैलाने के आरोप लगे।
मौलाना की सफाई – “मैंने क्या गलत कहा?”
बढ़ते विरोध के बीच मौलाना साजिद ने सफाई दी और कहा कि उन्होंने कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा है। उन्होंने दावा किया कि,
“मुसलमान होने की वजह से मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जिसका इतना विरोध हो रहा है।”

रामेश्वर शर्मा का तीखा हमला
भोपाल से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा इस मामले में पूरी ताकत से मौलाना पर बरसे। उन्होंने कहा:
“डिंपल यादव किसी भी राजनीतिक दल की नेता हो सकती हैं, लेकिन सबसे पहले वह भारत की बेटी हैं। किसी भी मौलाना को ऐसी भाषा का अधिकार नहीं है। यदि उन्होंने माफी नहीं मांगी तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
यहां तक कि उन्होंने जूते से स्वागत करने जैसी कठोर बात कह दी।
“मौलाना ध्यान रखो, माफी मांगो नहीं तो जूते से तुम्हारा स्वागत होगा।”
राजनीतिक बयानबाज़ी और धार्मिक विमर्श की आग
यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब देश में धर्म और राजनीति के बीच की रेखाएं और धुंधली होती जा रही हैं। एक ओर मौलाना इसे धार्मिक पहचान पर हमला बता रहे हैं, वहीं भाजपा इसे महिला और देश की गरिमा से जोड़ रही है।
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या नेताओं और धार्मिक व्यक्तित्वों को सार्वजनिक मंच से बयान देने से पहले संयम बरतना चाहिए?
कानूनी कार्रवाई की मांग
विवाद बढ़ने के बाद महिला संगठनों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही, डिंपल यादव की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सपा नेताओं ने भी बयान को “नारी गरिमा के खिलाफ” बताया है।
यह भी पढ़िए – सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने पेश की इंसानियत की मिसाल, दुखी परिवार को दिलाया न्याय और सम्मान
डिंपल यादव पर मौलाना साजिद की टिप्पणी से उपजा विवाद अब पूरी तरह राजनीतिक और सांप्रदायिक मोड़ ले चुका है। एक ओर भाजपा इसे “भारत की बेटी के सम्मान” का मामला बता रही है, वहीं मौलाना इसे मुस्लिम विरोध करार दे रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है – क्या सार्वजनिक विमर्श का स्तर इतना गिर चुका है कि निजी हमले अब आम बात हो गई है? यह आने वाला समय बताएगा कि माफी और समझदारी की जगह बची है या फिर मामला और उग्र रूप लेगा।