उज्जैन, मध्यप्रदेश।
अब उज्जैन में सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को इलाज के लिए न पैसे की जरूरत होगी और न ही पहचान के दस्तावेजों की। मध्यप्रदेश शासन ने सड़क हादसों में घायलों की जान बचाने के लिए दो अहम योजनाएं शुरू की हैं—नकदरहित इलाज योजना और राहवीर योजना। शुक्रवार को कलेक्टर रौशनकुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने इन दोनों योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रचार-प्रसार के लिए अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।
बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए इनकार नहीं किया जा सकता, भले ही उसके पास पैसे न हों। कलेक्टर ने बताया कि शासन की नकदरहित उपचार योजना के तहत गंभीर घायलों के इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक की राशि अस्पतालों को दी जाएगी। इसके लिए मरीज या परिजनों को तत्काल कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
नकदरहित इलाज योजना : अब इलाज के लिए पैसे की चिंता नहीं
इस योजना का उद्देश्य है कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर (पहले एक घंटे) में इलाज मिल सके, ताकि उसकी जान बचाई जा सके। उज्जैन जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना के अंतर्गत शहर के हर सरकारी व निजी अस्पताल को जोड़ा जाए। इसके लिए एक ई-डार पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल पर हर घायल से जुड़ी जानकारी अपलोड की जाएगी और उसके आधार पर अस्पताल को भुगतान किया जाएगा।

कलेक्टर रौशनकुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिले के सभी अस्पतालों की ई-डार पोर्टल लॉगिन आईडी बनवाएं और इसके उपयोग के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। इससे कोई भी अस्पताल घायल का इलाज शुरू करने में देरी नहीं करेगा।
राहवीर योजना : मदद करने वालों को मिलेगा इनाम और सम्मान
बैठक में ‘राहवीर योजना’ पर भी विशेष चर्चा की गई। इस योजना के तहत जो भी सज्जन नागरिक सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाता है, उसे 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा हर साल टॉप 10 राहवीरों को राष्ट्रीय स्तर पर 1 लाख रुपये, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
कलेक्टर ने बैठक में कहा, “हमारा लक्ष्य है कि दुर्घटना के समय मदद करने वालों को भी सुरक्षा और प्रोत्साहन मिले। अक्सर देखा गया है कि लोग कानूनी झंझट से बचने के लिए घायलों की मदद नहीं करते। इस योजना से ऐसी मानसिकता में बदलाव आएगा।”
इमरजेंसी सेवाओं को निर्देश : संवेदनशीलता से करें काम
बैठक में एम्बुलेंस सेवा 108, डायल 100, ट्रॉमा सेंटर से जुड़े कर्मचारियों को निर्देश दिए गए कि वे अधिक संवेदनशील होकर कार्य करें और किसी भी आपात स्थिति में घायलों को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाएं। इस मौके पर सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार पटेल, आरटीओ संतोष मालवीय, सभी बीएमओ और निजी अस्पतालों के प्रबंधक भी मौजूद थे।
कलेक्टर ने कहा कि ये योजनाएं तभी सफल होंगी जब प्रशासन, चिकित्सा व्यवस्था और समाज के सजग नागरिक मिलकर काम करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि जागरूकता अभियान चलाएं, ताकि शहर के हर नागरिक को इन योजनाओं की जानकारी हो।
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उज्जैन में शुरू की गई नकदरहित इलाज और राहवीर योजना से सड़क हादसे के शिकार लोगों को न सिर्फ समय पर इलाज मिलेगा, बल्कि मदद करने वालों को भी सरकार की ओर से सम्मान मिलेगा। यह पहल न सिर्फ जिंदगियां बचाने में अहम भूमिका निभाएगी, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करेगी। यह उज्जैन को एक सुरक्षित और मानवतावादी शहर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।