रीवा (मध्यप्रदेश)
रीवा जिले की चाकघाट तहसील से एक चौंकाने वाली और असामान्य घटना सामने आई है। यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक नवजात शिशु ने जन्म लिया, जिसकी शारीरिक बनावट इतनी विचित्र थी कि डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। जन्म लेते ही बच्चे की हालत गंभीर बताई गई और उसे तत्काल रीवा के गांधी मेमोरियल अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में रेफर कर दिया गया।
इस असामान्य बच्चे की विशेषता यह है कि वह हूबहू फिल्मी ‘एलियन’ जैसा प्रतीत होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, यह मामला कोई चमत्कार या रहस्य नहीं, बल्कि एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी का परिणाम है।
कब और कहां हुआ यह मामला?
22 जुलाई की रात, त्योंथर तहसील क्षेत्र के ढकरा सोनौरी गांव निवासी प्रियंका पटेल को प्रसव पीड़ा हुई। उन्हें रात में चाकघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। बुधवार सुबह करीब 7 बजे उनकी नॉर्मल डिलीवरी हुई।
डिलीवरी के तुरंत बाद डॉक्टर्स तब हैरान रह गए, जब उन्होंने नवजात की स्थिति देखी। उसका शरीर कई जगहों से क्षत-विक्षत था और सामान्य शिशुओं से काफी अलग था। इस हालत में उसे तत्काल रीवा के गांधी मेमोरियल अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां विशेषज्ञों की निगरानी में उसका इलाज जारी है।
मां स्वस्थ, लेकिन बच्चा गंभीर
शांति देवी पटेल ने बताया कि उनकी बहू की समय-समय पर सरकारी और निजी अस्पतालों में जांच कराई गई थी। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट्स में मां और बच्चा दोनों सामान्य बताए गए थे। लेकिन, डिलीवरी समय से दो महीने पहले हो गई और नवजात गंभीर स्थिति में पैदा हुआ।

डॉक्टर ने क्या बताया?
JR1, पीडियाट्रिक विभाग, गांधी मेमोरियल अस्पताल के डॉ. नवीन कुमार मिश्रा ने बताया कि यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि अनुवांशिक बीमारी का मामला है। उन्होंने स्पष्ट किया:
“बच्चे के माता-पिता ‘कैरियर’ हैं — यानी वे खुद उस बीमारी से ग्रसित नहीं हैं, लेकिन उनके जीन में असामान्यता है। जब दोनों माता-पिता किसी बीमारी के वाहक होते हैं, तो बच्चे में उस बीमारी के 25% तक विकसित होने की आशंका होती है। इस प्रकार की बीमारियां गर्भस्थ शिशु को प्रभावित करती हैं।”
यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
ऐसे मामले दुर्लभ होते हैं, लेकिन जागरूकता की कमी और समय पर जीन परीक्षण न होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी सामने आते हैं। यह घटना मेडिकल साइंस के लिए गंभीर चिंता का विषय है, साथ ही यह दिखाती है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में गर्भावस्था के दौरान जीन संबंधी स्क्रीनिंग और परामर्श की तत्काल जरूरत है।
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स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की ज़िम्मेदारी
अब ज़रूरत है कि स्वास्थ्य विभाग इस परिवार को न केवल समुचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करे, बल्कि भविष्य के लिए जीन परीक्षण, परामर्श और मानसिक समर्थन जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित करे। यह मामला बाकी माता-पिता के लिए सजगता का संकेत भी है।