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रीवा में अस्पताल बना हैवानियत का अड्डा, भर्ती युवती से गैंगरेप की घटना से सनसनी

रीवा जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल संजय गांधी अस्पताल में एक युवती के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है। यह मामला शहर के अमहिया थाना क्षेत्र का है। पीड़िता के अनुसार, वह इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थी, तभी रात में एक वार्ड बॉय और उसके कुछ साथियों ने नशीली दवा देकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।

पीड़िता और उसके परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। घटना सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।

कैसे हुआ हादसा?

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि यह घटना 8 और 9 जून की रात की है। रात को एक वार्ड बॉय आया और उसने पानी में कुछ मिलाकर पिलाया। उसके बाद वह बेहोश हो गई। जब होश आया, तो उसे पता चला कि उसके साथ गलत हुआ है। बाद में उसे धमकाया गया और उसके साथ खींची गई अश्लील तस्वीरों से उसे बार-बार ब्लैकमेल कर शोषण किया गया।

पीड़िता बोली – अस्पताल प्रबंधन को थी जानकारी

पीड़िता ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन को पूरी घटना की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की। न तो पुलिस को सूचना दी गई और न ही पीड़िता की सुरक्षा का कोई इंतज़ाम किया गया। इससे साफ है कि अस्पताल की लापरवाही ने मामले को और भी गंभीर बना दिया।

पुलिस ने क्या किया?

अमहिया थाना पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर वार्ड बॉय और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ गैंगरेप, ब्लैकमेलिंग और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारियां होंगी।

जनता में गुस्सा, जांच की मांग

घटना के बाद रीवा शहर में लोगों में आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि अगर अस्पताल जैसे जगह पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर आम जगहों पर क्या हाल होगा? कई सामाजिक संगठनों और महिलाओं ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की मांग की है।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल से जवाब मांगा है। वहीं मध्य प्रदेश महिला आयोग ने भी इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है। पीड़िता को मेडिकल और कानूनी सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं।

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संजय गांधी अस्पताल में हुआ यह कांड सिर्फ एक युवती के साथ अन्याय नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की असफलता को दिखाता है। अब ज़रूरत है सख्त कार्रवाई की ताकि दोबारा कोई अस्पताल में इलाज कराने जाते समय डर महसूस न करे।

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