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रीवा मेडिकल कॉलेज में बड़ा हंगामा: 80 नर्सिंग छात्राओं ने डॉक्टर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया, ABVP ने किया घेराव

रीवा (मध्यप्रदेश)।
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, रीवा में महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। कॉलेज के ENT विभाग में पदस्थ डॉक्टर असरफ पर 80 से अधिक नर्सिंग छात्राओं ने मानसिक उत्पीड़न और असहज व्यवहार के आरोप लगाए हैं। इस सामूहिक शिकायत के बाद कॉलेज परिसर में ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने उग्र प्रदर्शन करते हुए डीन कार्यालय का घेराव कर दिया।

डीन को ज्ञापन, डॉक्टर पर लगे इस्तीफे के नारे

मंगलवार 9 जुलाई को कॉलेज परिसर उस समय हंगामे का केंद्र बन गया जब छात्राएं और ABVP कार्यकर्ता “डॉक्टर असरफ बर्खास्त हो”, “डीन तुम शर्म करो” जैसे नारे लगाते हुए डीन कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए।
ABVP के जिला संयोजक पीएन पांडेय ने कहा,

“80 छात्राओं की एक जैसी शिकायतें इस बात का प्रमाण हैं कि मामला गंभीर है। यह रीवा मेडिकल कॉलेज की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला शर्मनाक प्रसंग है। आरोपी डॉक्टर को तुरंत हटाया जाना चाहिए।”

छात्राओं ने किया ENT डिपार्टमेंट की ड्यूटी से इनकार

छात्राओं ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह अब ENT विभाग में ड्यूटी नहीं करेंगी। उनका आरोप है कि डॉक्टर असरफ का व्यवहार डराने-धमकाने वाला है, जिससे क्लीनिकल ट्रेनिंग का पूरा माहौल प्रभावित हो रहा है।
पीड़ित छात्राएं पहले ही डीन और प्राचार्य को शिकायत सौंप चुकी थीं, जिसमें उन्होंने बताया कि डॉक्टर आए दिन नाम लेकर टारगेट करते हैं, अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं, और बार-बार मानसिक प्रताड़ना देते हैं।

प्रशासन की पहली कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज प्राचार्य ने ENT विभाग में छात्राओं की ड्यूटी पर तत्काल रोक लगा दी है। साथ ही, डीन को पत्र भेजकर आंतरिक जांच की मांग की है।

डीन डॉ. सुनील अग्रवाल ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।

  • इस जांच समिति की अध्यक्षता नेत्र रोग विभाग की वरिष्ठ डॉक्टर शशि जैन करेंगी।
  • समिति को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी।

पूर्व में भी विवादों में रहा ENT विभाग

यह पहला मौका नहीं है जब ENT विभाग विवादों में आया है।
हाल ही में इसी विभाग में एक वार्डबॉय पर नाबालिग लड़की से दुर्व्यवहार और गैंगरेप जैसे गंभीर आरोप लगे थे। अब छात्राओं की सामूहिक शिकायत ने कॉलेज की महिला सुरक्षा नीति और प्रशासन की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

क्या होगी कार्रवाई? अब सबकी नजर जांच समिति पर

कॉलेज में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या यह जांच निष्पक्ष होगी?
क्या प्रशासन सिर्फ “समिति बनाकर” मामले को ठंडे बस्ते में डालेगा या इस बार कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा?
वहीं ABVP ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जांच रिपोर्ट में लापरवाही पाई गई या कार्रवाई नहीं हुई, तो अगला कदम सड़क से सदन तक आंदोलन होगा।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान नगर मंत्री हर्ष साहू , जिला संयोजक पशुपति नाथ पांडे, भाग संयोजक पवन द्विवेदी, दिशा मिश्रा , दीक्षा शर्मा , उन्नति सिंह , आशीष द्विवेदी, अनुराग द्विवेदी, ओम शुक्ला, हर्ष भदौरिया, गौरव मिश्र , आदि सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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महिला सुरक्षा सिर्फ पोस्टर या वास्तव में प्राथमिकता?

रीवा जैसे शैक्षणिक और चिकित्सा क्षेत्र के प्रमुख संस्थान में जब 80 छात्राएं एकसाथ उत्पीड़न की शिकायत करें, तो यह सिर्फ एक विभाग की नहीं, पूरे सिस्टम की नाकामी मानी जानी चाहिए।
अब देखने वाली बात होगी —
क्या डॉक्टर असरफ पर कड़ी कार्रवाई होती है,
या फिर ‘जांच चल रही है’ का हवाला देकर फिर एक बार न्याय को टाल दिया जाएगा?

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