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रीवा: हत्या के आरोपी ने पुलिस कस्टडी में बनाया रील, वायरल वीडियो ने खोली पुलिस की कार्यशैली की पोल

मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक चौंकाने वाली और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने पुलिस व्यवस्था और अपराधियों के बीच की सांठगांठ पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला रीवा के संजय गांधी अस्पताल का है, जहां 2018 के बहुचर्चित नितिन सिंह हत्या कांड के मुख्य आरोपी वैभव ठाकुर को इलाज के लिए लाया गया था। अस्पताल में आरोपी की कस्टडी पुलिस के हवाले थी, लेकिन उसने अस्पताल परिसर में हाथ में हथकड़ी और दूसरे हाथ में मोबाइल फोन लेकर रील बनाना शुरू कर दिया।

इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि हत्या जैसा गंभीर अपराध करने वाला आरोपी पुलिस की मौजूदगी में बिलकुल बेखौफ और निडर होकर फिल्मी स्टाइल में रील बना रहा है, और पुलिसकर्मी न केवल चुपचाप खड़े रहते हैं, बल्कि उसे रोकने का प्रयास तक नहीं करते। इस घटना ने रीवा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।

कौन है वैभव ठाकुर?

वैभव ठाकुर वही शख्स है जिसने मार्च 2018 में रीवा के टीआरएस कॉलेज परिसर में छात्र नितिन सिंह गहरवार की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय वैभव अपने साथियों के साथ एक अन्य छात्र के साथ मारपीट कर रहा था, तभी नितिन ने बीच-बचाव करने की कोशिश की थी। इसी दौरान वैभव ने नितिन को निशाना बनाते हुए गोली चलाई थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। यह मामला उस समय पूरे ज़िले में संसनी फैलाने वाला अपराध बन गया था।

वीआईपी ट्रीटमेंट में अपराधी बना सेलिब्रिटी

हत्या जैसे गंभीर अपराध में जेल में बंद आरोपी को जब मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लाया गया, तो उससे जुड़ी सारी सुरक्षा व्यवस्थाएं ढीली और लचर नजर आईं। रील बनाने के दौरान न केवल आरोपी हथकड़ी लगाए हुए था, बल्कि वह कैमरे के सामने एकदम बिंदास और फिल्मी अंदाज में नजर आया। यह भी स्पष्ट है कि मोबाइल फोन आरोपी के पास कैसे पहुंचा, यह पुलिस के नियंत्रण से बाहर रहा या जानबूझकर उसे दिया गया।

आश्चर्य की बात यह है कि आरोपी की गतिविधियों को देखकर भी पुलिसकर्मियों ने कोई आपत्ति नहीं जताई और न ही उससे फोन छीना। यह घटना इस ओर इशारा करती है कि या तो पुलिस पूरी तरह लापरवाह हो गई है या फिर आरोपी को संदिग्ध रूप से सुविधा दी गई है।

पुलिस अधीक्षक ने दिए जांच के आदेश

जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और जनआक्रोश सामने आया, तब रीवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। एसपी ने यह भी माना कि आरोपी के पास मोबाइल फोन पहुंचना और वीडियो बनाना सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर चूक है।

उन्होंने बताया कि संबंधित पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किया गया है और उनसे इस लापरवाही पर जवाब मांगा गया है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जनता में गुस्सा, पुलिस की साख पर सवाल

रीवा में इस वीडियो के वायरल होने के बाद जनता में भारी आक्रोश है। लोग सवाल कर रहे हैं कि यदि पुलिस कस्टडी में बंद हत्या का आरोपी इस तरह फिल्मी रील बना सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या भरोसा किया जा सकता है?

यह घटना साफ दिखाती है कि किस तरह अपराधी और पुलिस के बीच का रिश्ता बदलता जा रहा है। यह केवल एक सुरक्षा चूक नहीं, बल्कि कानून के राज की खिल्ली उड़ाने वाली स्थिति है। एक ओर सरकार अपराधों को खत्म करने की बात करती है, दूसरी ओर पुलिस अपराधियों को हीरो बनने की छूट देती नजर आती है।

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रीवा की यह घटना केवल एक आरोपी की हरकत नहीं है, यह पूरे सिस्टम की नाकामी और गिरते अनुशासन का परिचायक बन चुकी है। अब देखना यह है कि क्या पुलिस महकमा इस पर केवल जांच का झुनझुना थमाकर बच निकलता है या वास्तव में दोषियों पर सख्त कार्रवाई होती है, ताकि जनता का विश्वास कानून व्यवस्था में दोबारा बहाल हो सके।

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