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रीवा:- 2 करोड़ की अवैध संपत्ति फ्रीज, SAFEMA कोर्ट के आदेश पर हुई सख्ती

रीवा, मध्यप्रदेश।
विंध्य क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही रीवा पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले के कुख्यात कोरेक्स तस्कर विजय साहू उर्फ बुच्ची की लगभग 2 करोड़ 2 लाख रुपये की अचल संपत्ति को फ्रीज कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुंबई स्थित SAFEMA कोर्ट के आदेश पर की गई है, जो कि ड्रग माफिया के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त और बड़ी कानूनी प्रक्रिया मानी जा रही है।

विजय साहू वर्ष 2007 से नशे के कारोबार में सक्रिय था। उस पर रीवा जिले के विभिन्न थानों में 17 से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। पिछले कुछ वर्षों में वह न केवल रीवा बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र में ड्रग माफिया के रूप में बदनाम हो चुका था। पुलिस और प्रशासन की नजरों में आने के बावजूद साहू का नेटवर्क लगातार फैलता गया। लेकिन अब प्रशासनिक स्तर पर की गई सख्त कार्रवाई से उसके पूरे तंत्र को करारा झटका लगा है।

चोरहटा थाना प्रभारी ने संबंधित विभागों—जैसे राजस्व, नगर निगम, रजिस्ट्रार ऑफिस और पुलिस के सहयोग से आरोपी की संपत्तियों से जुड़ी पूरी जानकारी और सबूत जुटाए। इसके बाद यह पूरा प्रतिवेदन मुंबई की SAFEMA (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने इन दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद माना कि विजय साहू और उसके रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज संपत्तियां नशे के अवैध कारोबार से अर्जित की गई हैं। कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए संपत्तियों को फ्रीज करने के निर्देश दिए।

इस आदेश के तहत फ्रीज की गई संपत्तियां रीवा और कटनी जिले में स्थित हैं। इनमें कुछ संपत्तियां विजय साहू के नाम हैं, जबकि कुछ उसकी पत्नी और साले के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। अब इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री, किराया या किसी भी प्रकार का आर्थिक उपयोग कानूनी रूप से प्रतिबंधित रहेगा।

रीवा की सीएसपी डॉ. रितु उपाध्याय ने बताया कि यह रीवा जोन में पहली बार हुआ है जब किसी ड्रग तस्कर की संपत्ति को फ्रीज किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है उन सभी लोगों के लिए जो सोचते हैं कि नशे के कारोबार से जल्दी पैसा कमाया जा सकता है। यह समझना जरूरी है कि अब केवल गिरफ्तारी ही नहीं होगी, बल्कि अवैध रूप से कमाई गई पूरी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई का उद्देश्य केवल अपराधी को सजा देना नहीं है, बल्कि पूरे तंत्र को तोड़ना और युवाओं को नशे की लत और उसके कारोबार से दूर करना भी है। पुलिस को उम्मीद है कि यह कार्रवाई आने वाले समय में नशे के कारोबार को हतोत्साहित करेगी और युवाओं को यह चेतावनी देगी कि गलत रास्ते पर चलने का अंजाम सिर्फ जेल ही नहीं, आर्थिक बर्बादी भी हो सकता है।

इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय समाज में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग पुलिस के इस कदम की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि आने वाले समय में ऐसे तस्करों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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इस मामले ने साफ कर दिया है कि अब कानून का शिकंजा न केवल अपराधियों के शरीर पर बल्कि उनकी अवैध संपत्तियों पर भी कसा जा रहा है। यह कदम पूरे मध्यप्रदेश के लिए एक मिसाल बन सकता है, जहां अवैध तरीके से अर्जित संपत्तियों को कानूनी प्रक्रिया के जरिए जप्त किया जाएगा और अपराधियों को आर्थिक स्तर पर भी कमजोर किया जाएगा।

यह कार्रवाई प्रशासनिक इच्छाशक्ति और कानूनी प्रक्रिया के मजबूत तालमेल का नतीजा है, जिसने विंध्य क्षेत्र में अपराधियों में डर पैदा किया है और आम लोगों में विश्वास।

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