भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में 0.50% की कटौती करने के बाद अब इसका सीधा लाभ आम ग्राहकों को मिलना शुरू हो गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने ग्राहकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। बैंक ने होम लोन और ऑटो लोन की ब्याज दरों में कमी की है, जिससे अब लोन की EMI पहले की तुलना में सस्ती हो जाएगी।
PNB ने RLLR में की 0.50% की कटौती
PNB ने घोषणा की है कि उसने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 0.50% की कटौती की है। यह नई दरें 9 जून 2025 से लागू होंगी। अब बैंक का होम लोन 7.45% सालाना और ऑटो लोन 7.80% सालाना ब्याज दर से शुरू होगा। बैंक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर लिखा,
“हमारे ग्राहकों के लिए खुशखबरी, आपकी EMI को अब और भी सस्ता बना दिया गया है।”
इस कदम से लाखों लोन धारकों को सीधी राहत मिलेगी। खासतौर पर वे ग्राहक जो अपने घर या वाहन के लिए लोन ले रहे हैं, उन्हें अब पहले से कम ब्याज देना होगा।
RBI ने रेपो रेट घटाकर 5.50% किया
RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की हालिया बैठक में रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.50% कर दिया गया है। फरवरी से अब तक कुल 1% की कटौती की जा चुकी है, जिससे रेपो दर अब तीन वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब यह दर घटती है, तो बैंक भी सस्ते ब्याज दर पर लोन देने लगते हैं।

आर्थिक प्रगति को मिलेगा बढ़ावा
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि ब्याज दरों में कटौती से भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसका असर वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में और भी स्पष्ट रूप से दिखेगा। गवर्नर का मानना है कि सस्ती दरों पर लोन मिलने से निवेश और उपभोग दोनों बढ़ेंगे, जिससे GDP को गति मिलेगी।
मुद्रास्फीति पर नियंत्रण का असर
संजय मल्होत्रा ने यह भी बताया कि मुद्रास्फीति (महंगाई) पर अब नियंत्रण दिखाई दे रहा है और आरबीआई द्वारा लगातार किए गए प्रयास अब रंग ला रहे हैं। महंगाई के दबाव में कमी आने से ही RBI ने रेपो रेट में इतनी बड़ी कटौती का फैसला लिया है। उनका कहना है कि इस बार ब्याज दर में कटौती का सीधा फायदा आम ग्राहकों को जल्दी मिलेगा।
यह भी पढ़ें:- पंजाब: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देशद्रोह! ISI के लिए जासूसी कर रहा था तरनतारन का गगनदीप
PNB द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती से ग्राहकों की EMI कम होगी, जिससे उन्हें वित्तीय राहत मिलेगी। इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलने की संभावना है। अब यह देखना होगा कि अन्य बैंक भी इसी तरह की राहत अपने ग्राहकों को कब तक देते हैं।