मध्यप्रदेश में लगातार राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रही कांग्रेस ने अब जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। पार्टी ने विदिशा जिले से ‘संगठन सृजन अभियान’ का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह वही विदिशा है, जिसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है और जो केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक घर भी है। कांग्रेस ने यहां से अभियान की शुरुआत कर एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि अब वह मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है।
22 मई से शुरू हुआ 20 दिन का अभियान
इस अभियान की शुरुआत 22 मई 2025 से हुई है और यह लगभग 20 दिनों तक चलेगा। इस दौरान पार्टी ने राज्यभर से चुने गए 100 नेताओं और विशेषज्ञों की एक टीम को विदिशा जिले के हर गांव और वार्ड में भेजा है। इनकी जिम्मेदारी संगठन की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, स्थानीय कार्यकर्ताओं की सक्रियता को जांचना और कार्यकर्ताओं के सुझावों के आधार पर संगठनात्मक ढांचे को सशक्त बनाना है।
डिजिटल और फिजिकल रिपोर्टिंग की अनोखी व्यवस्था
कांग्रेस इस पायलट प्रोजेक्ट में टेक्नोलॉजी का भी सहारा ले रही है। विदिशा की 5 विधानसभा सीटों में से 2 सीटों की रिपोर्ट डिजिटल माध्यम से और 3 सीटों की रिपोर्ट फिजिकल रूप में तैयार की जाएगी। इसका उद्देश्य यह जांचना है कि पार्टी कार्यकर्ता डिजिटल तरीकों से कितने सहज हैं और कितनी प्रभावशाली रिपोर्टिंग कर पा रहे हैं।
इस पहल के ज़रिए कांग्रेस डिजिटल और जमीनी कार्यशैली को मिलाकर एक संतुलित संगठनात्मक मॉडल तैयार करना चाहती है, जिसे भविष्य में पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
स्थानीय समितियों का गठन होगा
अभियान के दौरान प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड में स्थानीय बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इन बैठकों में सक्रिय और भरोसेमंद कार्यकर्ताओं की पहचान की जाएगी। इसके आधार पर ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर की कांग्रेस समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों को पार्टी की रीढ़ माना जाएगा, जो आने वाले समय में बूथ स्तर की रणनीति, जनसंपर्क और विरोध प्रदर्शन जैसे कार्यों को संभालेंगी।

एक साल में प्रदेशव्यापी विस्तार का लक्ष्य
कांग्रेस का लक्ष्य है कि इस पायलट प्रोजेक्ट के अनुभवों के आधार पर पूरे मध्यप्रदेश में एक साल के भीतर पंचायत और वार्ड स्तर तक मजबूत संगठनात्मक ढांचे का निर्माण किया जाए। इसके तहत हर जिले में इसी मॉडल को दोहराया जाएगा और जरूरत के हिसाब से स्थानीय रणनीतियों को अपनाया जाएगा।
राजनीतिक संकेत भी स्पष्ट
इस अभियान की शुरुआत शिवराज सिंह चौहान के गढ़ विदिशा से करना केवल संगठनात्मक नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी एक बड़ा संकेत है। कांग्रेस यह दिखाना चाहती है कि वह अब बीजेपी के मजबूत गढ़ों में भी अपनी पकड़ बनाने के लिए तैयार है और जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए गांव-गांव जाएगी।
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‘संगठन सृजन अभियान’ कांग्रेस की उस नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह जमीनी संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश में लगातार चुनावी हार और गुटबाज़ी से जूझती पार्टी अब नई ऊर्जा के साथ नए ढांचे पर काम कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह पायलट प्रोजेक्ट कांग्रेस को वाकई फिर से मजबूत कर पाएगा या यह भी पुराने अभियानों की तरह केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।