मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के लालघाटी थाना क्षेत्र के काशी नगर इलाके में सोमवार देर रात एक महिला के घर में संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौजूदगी से भारी हंगामा खड़ा हो गया। स्थानीय रहवासियों और हिंदू संगठनों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे बड़ी संख्या में मौके पर एकत्र हो गए। देर रात तक क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना रहा।
संदिग्ध गतिविधियों को लेकर मोहल्लेवासियों ने जताई आपत्ति
घटना तब शुरू हुई जब मोहल्ले के लोगों ने महिला के घर में देर रात एक युवक के आने-जाने पर आपत्ति जताई। लोगों को इस बात की आशंका थी कि यह मामला अनैतिक गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं से मोहल्लेवासी पहले से ही असंतुष्ट थे। जैसे ही लोगों को युवक के घर के अंदर होने की खबर मिली, पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया और भीड़ जमा होने लगी।
महिला ने युवक को बाहर निकालने से किया इनकार
सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। लालघाटी थाना प्रभारी अर्जुन सिंह मुजाल्दे, कोतवाली टीआई संतोष वाघेला और एसडीओपी गोपाल सिंह चौहान भी भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने जब स्थिति को शांत करने की कोशिश की और युवक को बाहर निकालने को कहा, तो महिला ने इसका विरोध किया और पुलिस से बहस करने लगी। इससे माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया।
युवक की पहचान और शिकायत
घर के अंदर मौजूद युवक की पहचान अमीन शेख पिता अब्दुल शेख के रूप में हुई। स्थानीय निवासी सुमित और उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि अमीन शेख ने न सिर्फ उन्हें गालियां दीं बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी।
पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया

काफी प्रयासों के बाद पुलिस ने अमीन शेख को घर से बाहर निकाला और थाने ले गई। इसी बीच भीड़ और अधिक भड़क उठी और थाना परिसर के बाहर देर रात तक बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया।
महिला और युवक दोनों के खिलाफ कार्रवाई
पुलिस ने मामले में दोनों पक्षों पर कार्रवाई की है। अमीन शेख के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट और धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। वहीं महिला और युवक दोनों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की गई है। मंगलवार को दोनों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
स्थानीय लोगों का विरोध, ज्ञापन सौंपा
घटना के बाद मोहल्ले के लोगों ने थाने में एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मांग की कि इस प्रकार की गतिविधियों से क्षेत्र का सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है और प्रशासन को इसमें सख्त हस्तक्षेप करना चाहिए। मोहल्लेवालों का कहना है कि महिला और अमीन की गतिविधियों से क्षेत्र की शांति भंग हो रही है और भविष्य में किसी गंभीर घटना की आशंका बनी हुई है।
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शाजापुर की यह घटना केवल एक घरेलू विवाद नहीं, बल्कि सामाजिक असंतोष का संकेत देती है। स्थानीय रहवासियों का आक्रोश यह दर्शाता है कि कानून व्यवस्था को लेकर उनकी चिंता बढ़ती जा रही है। अब देखना यह होगा कि न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस और प्रशासन इस मामले में आगे क्या सख्त कदम उठाते हैं, ताकि क्षेत्र में शांति और विश्वास की भावना बहाल की जा सके।