Homeप्रदेशशाही जामा मस्जिद सर्वे पर भड़की हिंसा, राजनीतिक बयानबाजी तेज

शाही जामा मस्जिद सर्वे पर भड़की हिंसा, राजनीतिक बयानबाजी तेज

संभल (उत्तर प्रदेश): संभल की शाही जामा मस्जिद पर हुए सर्वे के दौरान भड़की हिंसा ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है। रविवार को कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम का स्थानीय लोगों ने विरोध किया, जिसके बाद हिंसा भड़क गई। घटना में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें पथराव, आगजनी और फायरिंग की घटनाएं भी सामने आईं। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

क्या है विवाद?

संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया जा रहा था। कोर्ट कमिश्नर की टीम रविवार को मस्जिद पर पहुंची, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। मस्जिद के पास भारी भीड़ जमा हो गई, जो टीम को अंदर जाने से रोकने लगी।

स्थिति तनावपूर्ण होते ही पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। हिंसा के दौरान पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया और कुछ को आग के हवाले कर दिया गया। इसी बीच, फायरिंग की घटनाएं भी हुईं, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।

पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित कई अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का बयान

कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस घटना पर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा।

  • राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
    “संभल में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। बिना सभी पक्षों को सुने की गई कार्रवाई ने माहौल बिगाड़ा और हिंसा का कारण बनी। इसके लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार जिम्मेदार है।”
  • प्रियंका गांधी ने भी X पर अपने पोस्ट में लिखा,
    “इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने और जल्दबाजी में कार्रवाई करना दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए।”

सांप्रदायिक तनाव और अपील

इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस नेताओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है और प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है।

क्या होगा आगे?

संभल की यह घटना उत्तर प्रदेश के अन्य विवादित धार्मिक स्थलों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की बात कही है। वहीं, यह मामला न्यायालय और राजनीतिक मंचों पर गर्माने की संभावना है।

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प्रदेश में बढ़ते धार्मिक विवादों के बीच यह घटना सरकार और प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गई है।

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