श्योपुर:- मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में रविवार शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया। सेसईपुरा थाना अंतर्गत ग्राम मोरावन के पास खेत से लौट रहे मजदूरों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली नाले में गिर गई। हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि 8 मजदूरों को ग्रामीणों ने बहादुरी दिखाते हुए सुरक्षित निकाल लिया।
खेत से लौटते वक्त हुआ हादसा
रविवार शाम करीब 6 बजे यह हादसा उस समय हुआ जब मोरावन निवासी कुछ मजदूर गांव के एक किसान के खेत में धान की रोपाई कर लौट रहे थे। खेत से घर वापस आते समय वे उसी किसान की ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार थे। रास्ते में हीरामन बाबा नाला, जो बरसात की वजह से उफान पर था, पार करते समय चालक ने पानी भरे रपटे में ट्रॉली उतार दी। बहाव तेज होने के कारण ट्रैक्टर-ट्रॉली नाले में पलट गई और ट्रॉली में सवार सभी 9 मजदूर पानी में बह गए।
ग्रामीणों ने दिखाई बहादुरी, 8 लोग सुरक्षित
ट्रॉली गिरते ही इलाके में हड़कंप मच गया। कुछ मजदूर तैरकर बाहर निकल आए, जबकि अन्य ट्रैक्टर के डूबते हिस्से पर फंस गए। स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर रस्सियों की मदद से फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में ग्रामीणों की तेजी से 8 लोगों की जान बचाई जा सकी।
महिला की मौत, शव ट्रैक्टर के नीचे मिला
इस हादसे में एक महिला मजदूर समंदे बाई (पत्नी बाबू जाटव, निवासी मोरावन) की मौत हो गई। वह बहते पानी में फंस गई थी और उसका कोई सुराग नहीं लग पा रहा था। रात करीब 8:30 बजे जब पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ, तो ट्रैक्टर के नीचे उसका शव दिखाई दिया। ग्रामीणों और पुलिस ने मिलकर शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए कराहल अस्पताल भिजवाया। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।

रपटे पर कोई सुरक्षा नहीं, प्रशासन पर उठे सवाल
इस हादसे ने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को फिर उजागर कर दिया है। बताया जा रहा है कि हीरामन बाबा नाले पर बने रपटे पर न तो कोई बैरिकेडिंग थी, न ही चेतावनी बोर्ड। बारिश के मौसम में पानी भरने के बावजूद कोई रोक-टोक नहीं की गई, जिससे चालक ने लापरवाही से ट्रॉली नाले में उतार दी और यह हादसा हो गया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
हादसे की सूचना मिलते ही सेसईपुरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और रात को ही महिला का शव बाहर निकाल लिया गया। पुलिस ने दुर्घटना को लेकर जांच शुरू कर दी है, साथ ही हादसे के जिम्मेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की बात कही जा रही है।
स्थानीय लोगों में रोष
ग्राम मोरावन के ग्रामीणों में इस हादसे को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि हर साल बारिश में यह नाला खतरा बनता है, लेकिन प्रशासन कोई ठोस इंतजाम नहीं करता। लोगों ने मांग की है कि यहां एक पक्का पुल बनाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं न हों।
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श्योपुर जिले का यह हादसा एक बार फिर बताता है कि कैसे बरसाती मौसम में बुनियादी ढांचे की कमी और प्रशासनिक लापरवाही आम लोगों की जान पर बन आती है। अगर समय रहते नाले पर चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग होती, तो शायद एक महिला की जान बचाई जा सकती थी। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस घटना से सबक लेता है या आने वाले दिनों में फिर कोई ऐसी दुर्घटना होती है।