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संसद में महाकुंभ भगदड़ पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार पर लगाए मौत के आंकड़े छुपाने के आरोप

नई दिल्लीसंसद का बजट सत्र सोमवार सुबह एक बार फिर हंगामे के साथ शुरू हुआ, जब विपक्षी सांसदों ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। पिछले सप्ताह हुई इस घटना में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए थे।

विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

विपक्षी दलों ने सरकार पर मृतकों की वास्तविक संख्या छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस त्रासदी पर उचित प्रतिक्रिया नहीं दी। सांसदों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब उन्हें लगा कि सरकार घटना की गंभीरता को नजरअंदाज कर रही है। इसके बाद विपक्षी सांसद सदन के वेल में आकर “कुंभ पर जवाब दो” के नारे लगाने लगे और मृतकों की सूची सार्वजनिक करने की मांग करने लगे।

लोकसभा अध्यक्ष और सरकार की प्रतिक्रिया

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील की और विपक्षी सांसदों पर आरोप लगाया कि वे सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू ने भी सांसदों से अनुरोध किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से कार्यवाही में भाग लें

कैसे हुई भगदड़?

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए संगम क्षेत्र में पहुंचे थे। बुधवार को हुई भगदड़ में भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे कई लोग कुचल गए और अफरा-तफरी मच गई।

  • पुलिस के मुताबिक, भगदड़ तब हुई जब श्रद्धालु बैरिकेड्स फांदकर आगे बढ़ने लगे, जिससे पीछे खड़े लोगों में दबाव बढ़ गया और भगदड़ मच गई।
  • सोमवार सुबह 4 बजे तक 1.65 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया
  • इस स्नान अनुष्ठान की शुरुआत नागा साधुओं के डुबकी लगाने के साथ हुई, जो महाकुंभ 2025 के तीसरे ‘अमृत स्नान’ का हिस्सा था।

अब आगे क्या?

  • विपक्ष ने सरकार से मृतकों की पूरी सूची जारी करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की
  • उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं
  • भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण उपायों की समीक्षा की जाएगी

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बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर राजनीतिक तकरार जारी रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्ष सरकार से स्पष्ट जवाब मांग रहा है।

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