सतना, मध्यप्रदेश।
सतना जिले के जिला अस्पताल से मानवता को झकझोर देने वाली एक शर्मनाक और अमानवीय घटना सामने आई है। चोरी के शक में भीड़ ने एक गरीब युवक को बेरहमी से पीट डाला। जब युवक की तलाशी ली गई, तो उसकी जेब से केवल दो सूखी रोटियां और नमक की एक पुड़िया निकली। इस मार्मिक दृश्य ने न केवल मौके पर मौजूद लोगों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि पूरे समाज के संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या था मामला?
घटना सोमवार की दोपहर सतना जिला अस्पताल परिसर की है। जानकारी के अनुसार, 28 वर्षीय युवक अस्पताल में अपने किसी बीमार रिश्तेदार से मिलने आया था। उसकी गरीबी उसके पहनावे और हालत से साफ झलक रही थी। इसी दौरान कुछ लोगों को उस पर चोरी का शक हुआ। उन्होंने युवक को घेर लिया और बिना कोई पुष्टि किए, उस पर लात-घूंसों और लाठियों से हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि युवक बार-बार अपनी सफाई देता रहा, “मैं चोर नहीं हूं, मुझे मत मारो,” लेकिन भीड़ का गुस्सा इतना अंधा था कि किसी ने उसकी एक न सुनी।
जेब से निकली भूख की तस्वीर
जब किसी ने उसकी जेब टटोली, तो उसमें से महज दो सूखी रोटियां और नमक की एक पुड़िया निकली। यह दृश्य देखकर कई लोग शर्मिंदा हो गए और वहां सन्नाटा छा गया। लेकिन तब तक युवक बुरी तरह घायल हो चुका था। हमलावर मौके से भाग निकले और पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वीडियो वायरल, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक जमीन पर पड़ा कराह रहा है और कुछ लोग उसे पीट रहे हैं। इसके बावजूद, हैरानी की बात यह है कि अब तक पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह न सिर्फ एक गरीब व्यक्ति की पिटाई है, बल्कि यह समाज की संवेदनहीनता और कानून व्यवस्था पर सीधा हमला है। उन्होंने मांग की है कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रशासन और समाज पर सवाल
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या अब कोई गरीब व्यक्ति अस्पताल भी नहीं जा सकता बिना शक की निगाहों का शिकार हुए?
- क्या भीड़ को कानून हाथ में लेने का हक है?
- पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता क्या ऐसे मामलों को बढ़ावा नहीं देती?
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यह घटना न सिर्फ सतना की, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश और देश की अंतरात्मा को झकझोरने वाली है। ऐसे समय में जब समाज को एक-दूसरे का सहारा बनने की जरूरत है, हम एक भूखे व्यक्ति को पीटते हैं, सिर्फ शक के आधार पर। इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई ही समाज को यह संदेश दे सकती है कि कानून और मानवता से बड़ा कोई नहीं।