सिंगरौली (मध्यप्रदेश): जिले के सरई थाना क्षेत्र के गोडबहरा गांव में शनिवार को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। यात्रियों को बैठाने को लेकर हुए मामूली विवाद ने देखते ही देखते हिंसक मोड़ ले लिया और एक ऑटो चालक की जान चली गई। इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि सिंगरौली के लोगों को भी गुस्से और ग़म में डाल दिया है।
यात्रियों को बैठाने से शुरू हुआ विवाद
घटना की शुरुआत सरई बस स्टैंड पर हुई, जहां दुबे बस के चालक और परिचालक का स्थानीय ऑटो चालक छोटेलाल मिश्रा से यात्रियों को बैठाने को लेकर विवाद हो गया। यह बहस सामान्य तौर पर खत्म हो सकती थी, लेकिन परिस्थितियां बिगड़ती चली गईं। आरोप है कि बस चालक ने जानबूझकर अपनी बस तेज गति से भगाई और वहां से निकल गया।
पीछा करते समय हुआ हादसा
विवाद के बाद छोटेलाल मिश्रा अपने दो साथियों के साथ बाइक पर सवार होकर बस का पीछा करने लगे। जब बस गोडबहरा गांव के पास पहुंची, तब छोटेलाल ने बस को ओवरटेक करने की कोशिश की। लेकिन इसी दौरान बस ने बाइक को टक्कर मार दी, जिससे बाइक सवार सड़क पर गिर पड़े।

इस भयानक टक्कर में छोटेलाल मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं बाइक पर सवार उसके दो अन्य साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद बाइक में भी आग लग गई और वह पूरी तरह जलकर खाक हो गई। घायलों को तत्काल सरई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
शव को रखकर सड़क पर किया चक्काजाम
जैसे ही घटना की खबर गांव और परिजनों तक पहुंची, गुस्साए ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर जमकर प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोगों ने बस चालक पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की और मृतक के परिजनों को मुआवज़ा देने की बात पर अड़ गए। घटना स्थल पर हालात को संभालने के लिए पुलिस और प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
तीन घंटे चला हंगामा, हत्या का केस दर्ज
करीब तीन घंटे तक चले इस चक्काजाम और हंगामे के बाद पुलिस ने लोगों को समझाइश दी। प्रशासन ने परिजनों को आश्वासन दिया कि उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी और मामले में निष्पक्ष कार्रवाई होगी। बस चालक के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं, बस परिचालक की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
दर्द और ग़ुस्से में डूबा गांव
गोडबहरा गांव इस वक्त शोक और आक्रोश में डूबा है। छोटेलाल मिश्रा की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांववालों का कहना है कि छोटेलाल बेहद शांत और मेहनती इंसान थे, और उनका इस तरह जाना पूरे गांव के लिए एक गहरी क्षति है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं पर सख्त कानून बनें और ट्रांसपोर्ट कर्मियों की जवाबदेही तय हो।
यह भी पढ़ें:- रीवा में अस्पताल बना हैवानियत का अड्डा, भर्ती युवती से गैंगरेप की घटना से सनसनी
सिंगरौली की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि मामूली विवाद भी अगर समय पर ना सुलझाए जाएं तो वे जानलेवा बन सकते हैं। ऑटो चालक की मौत ने पूरे जिले को हिला दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है और पीड़ित परिवार को कब और कैसी सहायता मिलती है।