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सिंधिया ने केपी यादव से हार का बदला ले लिया? कांग्रेस की इस पोस्ट के बाद मची खलबली

मध्य प्रदेश, 22 अगस्त 2024:— मध्य प्रदेश में राज्यसभा उम्मीदवार की घोषणा के बाद से राजनीतिक गलियारों में एक नई खलबली मची हुई है। कांग्रेस ने इस अवसर पर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गुना के पूर्व सांसद केपी यादव से 2019 की हार का प्रतिशोध लेने का आरोप लगाया है।

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान गुना से चुनावी हार का सामना करने वाले केपी यादव की राजनीतिक स्थिति अब खतरे में नजर आ रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने उस समय मंच पर कहा था कि केपी यादव का राजनीतिक भविष्य उनके हाथ में है, लेकिन अब यादव का राजनीतिक भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। न तो उन्हें संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है और न ही पार्टी ने उन्हें कोई बड़ा पद सौंपा है।

मंगलवार को, भाजपा ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में जॉर्ज कुरियन के नाम की घोषणा की। यह ऐलान कांग्रेस के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा करते हुए आरोप लगाया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केपी यादव से 2019 की हार का बदला लिया है। कांग्रेस का दावा है कि सिंधिया को गुना लोकसभा से हराने वाले केपी यादव को पहले लोकसभा टिकट से वंचित किया गया और अब राज्यसभा से भी बाहर रखा गया है।

सिंधिया ने केपी यादव से बदला लिया

कांग्रेस की पोस्ट में लिखा गया है, “सिंधिया ने केपी यादव से बदला लिया, गुना लोकसभा से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले केपी यादव का पहले लोकसभा टिकट काटा गया, उसके बाद राज्यसभा जाने से भी रोक दिया गया। मोहन यादव जी, एक यादव नेता पर अत्याचार होता रहा और आप मूकदर्शक बने रहे? अपनों से ग़द्दारी जारी है, ग़द्दारी की उन्हें बीमारी है।”

गौरतलब है कि सिंधिया ने गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था, जिससे खाली हुई इस सीट पर केपी यादव को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, भाजपा ने मध्य प्रदेश के बजाय केरल से जॉर्ज कुरियन को अपना प्रत्याशी बना दिया, जो कांग्रेस के आरोपों को बल दे रहा है।

अब तक केपी यादव की तरफ से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति और भी तेज हो सकती है।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केपी यादव और भाजपा इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया क्या होती है।

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