मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में अब विकास की उड़ान भरेगा आसमान। उज्जैन में प्रस्तावित सिंहस्थ महाकुंभ-2028 के मद्देनजर झाबुआ की गोपालपुरा हवाई पट्टी का विस्तार किया जाएगा। इसके तहत 95.37 करोड़ रुपये की लागत से रनवे, हेलीपैड, हैंगर, भवन और सुरक्षा इंतजामों का निर्माण किया जाएगा।
1660 मीटर होगी एयरस्ट्रिप की लंबाई
इस समय झाबुआ एयरस्ट्रिप की लंबाई 792 मीटर है, जिसे दोगुना बढ़ाकर 1660 मीटर किया जाएगा। इसके साथ ही चौड़ाई 30 मीटर ही रखी जाएगी, जो छोटे विमानों की लैंडिंग के लिए पर्याप्त मानी जाती है। इस विस्तार के बाद सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान वीआईपी मूवमेंट और हवाई यातायात को सुगम बनाया जा सकेगा।
प्रस्ताव भेजा गया, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना ने विस्तार का प्रस्ताव तैयार कर विमानन आयुक्त को भेज दिया है। विस्तार के लिए कुल 120 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी, जिसमें से:
- 23.62 हेक्टेयर पहले से एयरस्ट्रिप के नाम दर्ज है,
- 71.33 हेक्टेयर जमीन वन विभाग से ली जाएगी,
- 0.41 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण होगा,
- 24.64 हेक्टेयर राजस्व भूमि का भी उपयोग किया जाएगा।
इस प्रस्ताव को राज्य सरकार से मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य तेज़ी से शुरू किया जाएगा।
निर्माण कार्य की पूरी योजना
झाबुआ एयरस्ट्रिप के विस्तार के तहत केवल रनवे ही नहीं, बल्कि कई अन्य सुविधाओं का भी विकास होगा, जैसे:
- 2250 वर्ग मीटर में आधुनिक हैंगर का निर्माण
- 2 हेलीपैड, ताकि आपातकालीन व वीआईपी सेवाएं निर्बाध रहें
- 1000 वर्ग मीटर में प्रशासकीय भवन
- कर्मचारियों के लिए I-Type मकान
- 70 मीटर चौड़ी पुलिया
- 6621 मीटर लंबी व 2.10 मीटर ऊंची बाउंड्रीवॉल, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके
इस योजना के जरिए झाबुआ को हवाई मानचित्र पर एक नई पहचान मिलने जा रही है।

सिंहस्थ को मिलेगा लाभ
उज्जैन में हर 12 साल में आयोजित होने वाला सिंहस्थ महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपस्थिति वाला आयोजन होता है। ऐसे में झाबुआ जैसे नजदीकी जिलों में हवाई कनेक्टिविटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है।
वर्तमान में इस एयरस्ट्रिप का उपयोग सिर्फ हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं दो बार झाबुआ दौरे के दौरान यहीं हेलीकॉप्टर से उतरे थे। एयर स्ट्रिप को ‘पीएम श्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा’ और ‘पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा’ के तहत भी सूचीबद्ध किया गया है।
विकास को मिलेगी रफ्तार
कलेक्टर नेहा मीना का कहना है कि इस प्रस्ताव से न केवल सिंहस्थ 2028 को सहयोग मिलेगा, बल्कि झाबुआ और आसपास के आदिवासी इलाकों में विकास की गति तेज होगी। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही राज्य सरकार इस योजना को हरी झंडी देगी।
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झाबुआ जैसे सीमावर्ती और आदिवासी बहुल जिले में एयरस्ट्रिप विस्तार का ये प्रोजेक्ट सिर्फ एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि विकास की नई उड़ान है। सिंहस्थ 2028 को सुचारु बनाने के साथ-साथ यह क्षेत्रीय व्यापार, टूरिज़्म और इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।