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सिवनी का NH-44: 960 करोड़ रुपये का हाईवे गड्ढों में तब्दील, गाड़ी चलाना मुश्किल

सिवनी — मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में बने नेशनल हाईवे 44 (NH-44) की बदहाली की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। 960 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस हाईवे का 28 किमी हिस्सा लगभग पूरी तरह खराब हो चुका है, और इसका उद्घाटन को महज तीन साल ही हुए हैं।

सिवनी:-सड़क की स्थिति

आजतक के पत्रकार पुनीत कपूर की रिपोर्ट के अनुसार, NH-44 के दो हिस्सों में सड़क इतनी बुरी तरह फटी हुई है कि 50 मीटर के हिस्से को बैरिकेडिंग करके रिपेयर किया जा रहा है। यह हाईवे पेंच टाइगर रिज़र्व से होकर गुजरता है, और 2021 में इसे देश के पहले साउंड प्रूफ हाईवे के रूप में पेश किया गया था।

इसके दोनों ओर विशेष मेटल की शीट लगाई गई थी, जिसका उद्देश्य था कि गाड़ियों की आवाज जंगल तक न पहुंचे।

सड़क के नीचे जानवरों की आवाजाही के लिए 9 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड के नीचे अंडरपास भी बनाए गए थे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस हाईवे का निर्माण शुरू होने के दौरान दो बार निरीक्षण भी किया था। इसके बावजूद, रोड की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और लगातार खराब होती जा रही है।

सड़क हादसे और मौतें

सड़क के गड्ढों के कारण हाल ही में एक दुखद सड़क दुर्घटना भी हुई। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में 10 सितंबर की रात एक ट्रक गड्ढों से बचने के प्रयास में नहर में गिर गया। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। ट्रक ड्राइवर ने गड्ढों से बचने के चक्कर में वाहन का नियंत्रण खो दिया, जिसके परिणामस्वरूप ट्रक नहर में गिर गया। ट्रक में काजू लदे थे और आठ यात्री भी सफर कर रहे थे।

निष्कर्ष

सिवनी में NH-44 की वर्तमान स्थिति न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, बल्कि यह सड़क निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। इस सड़क के हालात, जो हाल ही में एक प्रमुख परियोजना के रूप में प्रस्तुत की गई थी, ने इस बात की आवश्यकता को और स्पष्ट कर दिया है कि सड़क निर्माण और रखरखाव के कार्यों में अधिक ध्यान और गुणवत्ता नियंत्रण की जरूरत है।

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