सीधी: तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी और अपर कलेक्टर अंशुमन राज के एक्शन से एक युवक को भारी पड़ गया, जब उसने रिश्वत देने की कोशिश की। शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और अब इस मामले की जांच की जा रही है।
रिश्वत देने पहुंचा था युवक
आवेदक कैलाश गुर्धे ने बताया कि वह अपर कलेक्टर के कार्यालय में भृत्य हीरालाल केवट के माध्यम से एक आवेदन लेकर गया था। आवेदन में ग्राम पंचायत क्षेत्र रघुनाथपुर, जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के पत्र और मिठाई का डिब्बा पेश किया गया। जब अपर कलेक्टर अंशुमन राज ने लिफाफा खोला, तो उसमें पैसे थे। युवक ने मिठाई के डिब्बे और लिफाफे में पैसे छिपाए थे, जो रिश्वत देने की कोशिश का हिस्सा था।
अपर कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अंगरक्षक अनिल सिंह और अन्य भृत्यों को बुलाया और युवक को कक्ष से बाहर बैठा दिया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक को सूचित किया गया और पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 (1)(आई) के तहत मामला दर्ज किया।

कर्मचारियों में हड़कंप
अपर कलेक्टर अंशुमन राज की ईमानदारी को लेकर अब जिला पंचायत और कलेक्ट्रेट में चर्चाएं हो रही हैं। इस कार्रवाई के बाद सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। मंगलवार को अपर कलेक्टर की कड़ी कार्रवाई को लेकर अफसरों और कर्मचारियों में भी चर्चा का माहौल बना हुआ है।
इस कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में डर और खौफ का माहौल है। तेज-तर्रार अधिकारी अंशुमन राज के इस कदम से यह संदेश भी गया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी इस तरह के कामों में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष
अपर कलेक्टर अंशुमन राज के ईमानदारी से इस मामले को सुलझाने के बाद अब सीधी जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। इस घटना से प्रशासनिक कर्मचारियों और अधिकारियों में यह संदेश जा रहा है कि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सजग है।
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