सीधी। खरीफ सीजन के बीच किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जिले के सिहावल विकासखंड अंतर्गत अमिलिया खाद गोदाम में मंगलवार सुबह किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। सुबह 5 बजे से लंबी कतारों में खाद लेने पहुंचे किसान जब दोपहर तक खाली हाथ लौटे, तो उनका आक्रोश फूट पड़ा। नाराज किसानों ने खाद गोदाम के सामने चक्का जाम कर दिया।
सुबह से लाइन में लगे रहे किसान
जानकारी के अनुसार, सुबह-सुबह ही किसान अपने ट्रैक्टर और वाहनों के साथ खाद लेने के लिए गोदाम पहुंचे थे। लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिली। किसानों का कहना था कि सीजन के बीच खाद की जरूरत सबसे ज्यादा होती है, लेकिन गोदाम में पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
अधिकारियों पर उठे सवाल
किसानों ने आरोप लगाया कि जिम्मेदार अधिकारी खाद वितरण में लापरवाही बरत रहे हैं। कई किसानों का कहना था कि उन्हें इधर-उधर भटकाया जा रहा है और अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। इससे गुस्साए किसानों ने मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
चक्का जाम की सूचना मिलते ही अमिलिया पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस ने किसानों को समझाने-बुझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि जल्द ही खाद की आपूर्ति सुचारू की जाएगी। पुलिस की समझाइश के बाद जाम को हटाया गया और आवागमन सामान्य हुआ। हालांकि, किसानों का गुस्सा अब भी शांत नहीं हुआ है। उनका कहना है कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे बड़े आंदोलन की राह अपनाएंगे।
किसानों में आक्रोश, प्रशासन मौन
किसानों का आरोप है कि हर बार खाद संकट के समय उन्हें ही परेशान होना पड़ता है। समय पर खाद न मिलने से फसल उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे उनकी मेहनत और लागत दोनों पर असर पड़ता है। वहीं, प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी इस मसले पर मौन साधे हुए हैं।
किसानों का कहना है कि जब तक पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक उनकी परेशानी कम नहीं होगी।

बार-बार खाद संकट क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि खाद वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी और समय पर सप्लाई न पहुँचने के कारण बार-बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। किसान चाहते हैं कि सरकार इस ओर गंभीरता से ध्यान दे और प्रत्येक केंद्र पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराए।
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सीधी जिले के अमिलिया खाद केंद्र पर हुआ यह विवाद किसानों की बढ़ती समस्याओं को उजागर करता है। खरीफ सीजन में जब समय पर खाद की जरूरत होती है, तब इस तरह की किल्लत किसानों के लिए गंभीर चुनौती बन जाती है। किसानों की नाराजगी और चक्का जाम प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर रहा है। अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी और प्रशासन किसानों की इस समस्या का समाधान कितनी जल्दी करते हैं।