सीधी :- मध्य प्रदेश के सीधी जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए एक शर्मनाक घटना सामने आई है। सीधी विधायक के आवास के पास स्थित सम्राट चौक पर, तीन आरोपियों ने यातायात पुलिस के सामने ही एक यात्री बस चालक की बेरहमी से पिटाई कर दी। यह घटना जातिवाद से जुड़ी बताई जा रही है और इसने स्थानीय लोगों को दंग कर दिया है।
मारपीट की घटना और प्रशासन की कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, यह घटना 9 अगस्त को घटित हुई जब बैढ़न से चलकर सीधी पहुंचे एस के ट्रैवल्स की बस के चालक शैलेश पांडेय के साथ मारपीट की गई। घटना को बस में मौजूद यात्रियों ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया, जिससे मारपीट की पूरी वारदात सार्वजनिक हो गई। पुलिस ने इस मामले में दो नामजद आरोपियों, प्रदीप सिंह गहरवार और गाड़ा पुत्र राजकुमार सिंह, और एक अन्य अज्ञात आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।
सीधी सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के सम्राट चौक पर हुए इस हमले में आरोपी ने बस चालक पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए हमला किया। कहा जा रहा है कि मारपीट का कारण यह था कि चालक ब्राह्मण जाति से है, जबकि हमलावर क्षत्रिय जाति से हैं। इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना जातिवाद की गहरी जड़ों को दर्शाती है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
सीधी की विधायक रीति पाठक और सांसद राजेश मिश्रा, दोनों ही ब्राह्मण जाति से हैं, और इस घटना के बाद से उनकी चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ब्राह्मणों के प्रति उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर राजनीतिक नेताओं की चुप्पी बोट बैंक की राजनीति की ओर इशारा करती है। लोगों का कहना है कि नेताओं को जातिवाद और हिंसा के खिलाफ ठोस कदम उठाना चाहिए।
इस घटना ने सीधी जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और यात्रियों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है और घटना की निष्पक्ष जांच की अपील की है।
आगे की राह
सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसे मामलों में जल्द और प्रभावी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना सीधी जिले में जातिवाद और कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर करती है और यह देखना होगा कि प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व इस पर क्या कदम उठाते हैं।