सीधी जिले के रामपुर नैकिन तहसील अंतर्गत पटेहरा गांव में मंगलवार की दोपहर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जब रेलवे अधिग्रहण की भूमि संबंधी कार्यवाही के दौरान गए नायब तहसीलदार जयप्रकाश पांडे पर जानलेवा हमला किया गया। घटना दोपहर लगभग तीन बजे की है जब पांडे गांव में अधिग्रहित भूमि की जांच और सीमांकन कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
चौकीदार को बंधक बनाए जाने से शुरू हुआ मामला
इस पूरी घटना की शुरुआत तब हुई जब रेलवे द्वारा अधिग्रहीत की जा रही जमीन की सूचना देने के लिए चौकीदार को पटेहरा गांव भेजा गया था। वहां पहुंचने पर गांव के लोनिया समुदाय के कुछ लोगों ने चौकीदार को कथित तौर पर बंधक बना लिया। चौकीदार ने तत्काल इस बारे में नायब तहसीलदार जयप्रकाश पांडे को फोन पर सूचना दी।
सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार बिना किसी सुरक्षा बल के घटनास्थल पर पहुंचे और चौकीदार को छुड़ाने का प्रयास किया। लेकिन जैसे ही उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत शुरू की, अचानक कुछ उग्र ग्रामीणों ने रॉड और पत्थरों से उन पर हमला कर दिया। हमले की तीव्रता इतनी अधिक थी कि तहसीलदार खून से लथपथ हो गए।
बचाओ-बचाओ चिल्लाते रहे अधिकारी, कोई मदद को नहीं आया
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नायब तहसीलदार लगातार मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन वहां उपस्थित किसी भी ग्रामीण ने उनकी सहायता नहीं की। किसी तरह जान बचाकर वे मौके से भाग निकले और थाना रामपुर नैकिन पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
उन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार उनके सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें फिलहाल निगरानी में रखा गया है।
हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए राजेंद्र लोनिया, दिलीप लोनिया, सनत लोनिया समेत अन्य चार से पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 147, 148, 149, 294, 323, 506, 332, 353, और 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस टीम द्वारा गांव में दबिश दी जा रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।

प्रशासनिक हलकों में आक्रोश, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने न केवल प्रशासनिक हलकों में गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। नायब तहसीलदार जैसे राजस्व अधिकारी पर दिनदहाड़े हमला प्रशासनिक तंत्र की लचर व्यवस्था की ओर इशारा करता है।
रामपुर नैकिन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि “यह कानून व्यवस्था के लिए बेहद शर्मनाक स्थिति है। सरकारी कार्य में बाधा डालना और अधिकारी पर हमला करना गंभीर अपराध है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
रेलवे अधिग्रहण विवाद बना रहा है तनाव का कारण
गौरतलब है कि पटेहरा और आसपास के गांवों में पिछले कुछ महीनों से रेलवे द्वारा अधिग्रहित की जा रही जमीन को लेकर ग्रामीणों में असंतोष देखा जा रहा है। कई ग्रामीण अपनी जमीन की कीमत, पुनर्वास या मुआवज़े को लेकर नाराज हैं और प्रशासनिक कार्यों का विरोध कर रहे हैं।
इस घटना के बाद संभावना है कि रेलवे भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और सीमांकन कार्यों पर अस्थायी रूप से रोक लगाई जा सकती है जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती।
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पटेहरा गांव में हुई यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भूमि अधिग्रहण जैसे संवेदनशील मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है। यदि समय रहते अपराधियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घटना और अधिक अधिकारियों के मन में भय और अविश्वास पैदा कर सकती है।