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सीधी जिले में सड़क एवं पुल निर्माण घोटाला: जिला पंचायत सीईओ ने गठित की जांच टीम

सीधी: जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के अंतर्गत ग्राम पंचायत चोभरा दिग्विजय सिंह में सड़क एवं पुलिया निर्माण में लाखों रुपये के घोटाले की शिकायत पर जिला पंचायत प्रशासन ने संज्ञान लिया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) अंशुमान राज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर सात दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

गठित जांच टीम में जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के सहायक यंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी और मानचित्रकार को शामिल किया गया है। यह समिति निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, अनियमितताओं और शिकायतों की सच्चाई की जांच करेगी।

शिकायत में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप

जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के संचार एवं संकर्म समिति के सभापति अरुण शेखर त्रिपाठी ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में बताया गया कि ग्राम पंचायत चोभरा दिग्विजय सिंह में आदिवासी बस्ती में चबूतरा निर्माण और सुदूर सड़क निर्माण कार्य के लिए राशि स्वीकृत की गई थी।

सड़क निर्माण के लिए कुल 17 लाख 88 हजार रुपये स्वीकृत किए गए थे, जबकि तीन नग पुलिया निर्माण के लिए 14 लाख 32 हजार रुपये मंजूर किए गए थे। आरोप है कि इसमें से केवल दो पुलिया का ही आधा-अधूरा निर्माण कराया गया है।

विधायक मद एवं मनरेगा की राशि का गलत उपयोग

शिकायत में उल्लेख किया गया कि पुलिया निर्माण के लिए विधायक मद से 1 लाख 73 हजार रुपये मजदूरी एवं 58 हजार रुपये मनरेगा मटेरियल से जारी किए गए थे। जिला योजना से भी 6 लाख रुपये की राशि भेजी गई थी, जो पूरी तरह खर्च हो चुकी है, लेकिन मौके पर केवल दो अधूरी पुलिया ही बनाई गई हैं। इससे यह साफ होता है कि निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमितता बरती गई है।

रेत की जगह राखड़ के इस्तेमाल का आरोप

जनपद पंचायत के संचार एवं संकर्म समिति के सभापति अरुण शेखर त्रिपाठी ने यह भी आरोप लगाया कि पुल निर्माण कार्य में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा चुरहट के अनुविभागीय अधिकारी को 1 अक्टूबर 2024 को शिकायत दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि पुल निर्माण में रेत की जगह राखड़ का उपयोग किया जा रहा है।

इसके अलावा, निर्माण कार्य अधूरा रहने के बावजूद मूल्यांकन पूर्ण कर दिया गया है, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि होती है।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई के संकेत

मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंशुमान राज ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, जांच समिति सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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स्थानीय ग्रामीणों ने भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी जताई है और प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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