सीधी के मझौली विकासखंड में रविवार को गुप्ता समाज के लोगों ने स्थानीय राजस्व अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह प्रदर्शन मड़वास बाजार क्षेत्र में हुआ और दो घंटे से अधिक समय तक चला। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिससे क्षेत्र में हलचल मच गई।
प्रदर्शन का कारण
गुप्ता समाज ने आरोप लगाया कि स्थानीय राजस्व अधिकारी उनके जमीनी मामलों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने मड़वास बाजार बंद करने और हड़ताल करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन के बाद, दोपहर करीब 12:30 बजे से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो अपरान्ह करीब 3 बजे तक चला।
प्रदर्शन में लगभग पचास लोग शामिल हुए, और जैसे ही हंगामा बढ़ा, स्थानीय निवासियों की भीड़ भी जमा हो गई। प्रदर्शन के दौरान, बाजार क्षेत्र के मुख्य मार्ग में यातायात प्रभावित हुआ, जिससे वाहन चालकों, ग्रामीणों और स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हुई।
भूमि विवाद की पृष्ठभूमि
प्रदर्शन का मुख्य कारण एक भूमि विवाद है, जो गुप्ता परिवार और जायसवाल परिवार के बीच है। गुप्ता परिवार का कहना है कि यह भूमि उनके पूर्वजों की है, जबकि जायसवाल परिवार ने इसे अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। गुप्ता परिवार ने बताया कि जायसवाल परिवार ने उन्हें पुनः सीमांकन करने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने पुनः सीमांकन के लिए आवेदन किया था। इस पर उपखंड न्यायालय ने सीमांकन का आदेश जारी किया, लेकिन राजस्व अमले ने इसे लागू नहीं किया।
जायसवाल परिवार ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया, जबकि गुप्ता परिवार ने मझौली उपखंड न्यायालय से स्थगन आदेश लिया। लेकिन स्थानीय राजस्व अधिकारी इस आदेश का पालन नहीं कर रहे थे। गुप्ता परिवार ने कई बार तहसीलदार से हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने प्रदर्शन का सहारा लिया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसडीएम मझौली और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा। एसडीएम ने कहा कि उन्होंने ज्ञापन को राजस्व अधिकारियों के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया।
समुदाय की एकता
गुप्ता समाज के सदस्यों ने इस प्रदर्शन के जरिए अपनी एकता और संघर्ष की भावना को भी प्रदर्शित किया। समुदाय के नेताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो वे आगे और सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अन्य समुदाय के सदस्यों से भी एकजुटता की अपील की है।
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निष्कर्ष
यह घटना सीधी में स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली और भूमि विवादों को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। गुप्ता समाज का यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि स्थानीय लोग अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं और उन्हें न्याय चाहिए। जब तक उनके मुद्दों का समाधान नहीं किया जाता, तब तक उनके संघर्ष जारी रहने की संभावना है। प्रशासन को चाहिए कि वह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर स्थिति को सामान्य करे, ताकि समुदाय के लोग अपने जीवन को सामान्य तरीके से जी सकें।