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सीधी में नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, हाईटेक जांच और त्वरित कार्रवाई से खुला राज

सीधी (मध्यप्रदेश)।
सीधी जिले के अमिलिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग बालिका के अपहरण और दुष्कर्म के गंभीर मामले में पुलिस ने 48 घंटे के भीतर आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है। यह कार्रवाई सीधी पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा के कुशल नेतृत्व में अंजाम दी गई, जिसमें उच्च अधिकारियों से लेकर तकनीकी टीम और ज़मीनी पुलिसकर्मियों तक का उत्कृष्ट समन्वय सामने आया।

घटना की पृष्ठभूमि: अपहरण की शिकायत से शुरू हुई कार्रवाई

दिनांक 26 जुलाई 2025 को एक व्यक्ति ने थाना अमिलिया में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी नाबालिग पुत्री को एक अज्ञात मोटरसाइकिल सवार बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2) BNS के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

जैसे ही घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा तक पहुंची, उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद श्रीवास्तव और एसडीओपी चुरहट आशुतोष द्विवेदी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी राकेश बैस को एक विशेष जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए। टीम ने मामले की जांच में कोई देरी नहीं की।

बालिका की तलाश और मेडिकल सहायता

विशेष पुलिस टीम ने सघन खोज अभियान चलाया और 27 जुलाई 2025 को बालिका को दस्तयाब कर लिया गया। उसे प्राथमिक उपचार और मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद धारा 183 BNS के अंतर्गत उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

मामले की विवेचना में पॉक्सो एक्ट और अन्य गंभीर धाराएं भी जोड़ी गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह केवल अपहरण नहीं बल्कि एक दुष्कर्म का संगीन मामला है।

तकनीक और टीमवर्क से आरोपी तक पहुंची पुलिस

इस केस को सुलझाने में तकनीकी संसाधनों का अहम योगदान रहा। पुलिस ने 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग खंगाली, मोबाइल लोकेशन का विश्लेषण किया और साइबर सेल की मदद से आरोपी की पहचान की।

आख़िरकार आरोपी की पहचान मोहित बंसल उर्फ सोनू बंसल (उम्र 34 वर्ष), निवासी मड़रिया, थाना कोतवाली सीधी के रूप में हुई। आरोपी पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दिनांक 31 जुलाई 2025 को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

बरामद सामग्री

पुलिस ने आरोपी के पास से निम्नलिखित सामग्री जब्त की:

  • एक पल्सर मोटरसाइकिल (कीमत लगभग ₹80,000)
  • एक मोबाइल फोन (कीमत लगभग ₹10,000)

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका

इस पूरे प्रकरण में थाना प्रभारी अमिलिया निरीक्षक राकेश बैस के नेतृत्व में टीम ने शानदार कार्य किया।
टीम के प्रमुख सदस्य थे:

  • उनि इंद्राज सिंह
  • प्र.आर. राजेन्द्र सिंह
  • मनोज सिंह
  • विक्रम सिंह
  • आरक्षक दीपेन्द्र
  • संदीप चतुर्वेदी
  • साइबर सेल से आर. प्रदीप मिश्रा और कृष्णमुरारी द्विवेदी

इन सभी अधिकारियों की तत्परता और प्रोफेशनल अप्रोच से यह गंभीर मामला न केवल सुलझा, बल्कि एक नाबालिग को सुरक्षित वापस लाने में सफलता मिली।

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इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि यदि पुलिस तंत्र सक्रिय, संवेदनशील और तकनीकी रूप से दक्ष हो, तो अपराधी कहीं छिप नहीं सकते।
सीधी पुलिस की यह त्वरित कार्रवाई अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।

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