Homeप्रदेशसीधी में मध्यान भोजन योजनाओं में अनियमितता, रसोइयों को गैस सिलेंडर तक...

सीधी में मध्यान भोजन योजनाओं में अनियमितता, रसोइयों को गैस सिलेंडर तक नहीं मिल रहे

मध्य प्रदेश के सीधी जिले के सिहावल जनपद क्षेत्र में मध्यान भोजन योजना में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। विभिन्न विद्यालयों में रसोइयों ने शिकायत की है कि उन्हें गैस सिलेंडर उपलब्ध नहीं कराया जाता। शासन द्वारा गैस सिलेंडर तो दिए गए हैं, लेकिन समूह संचालकों की मनमानी के कारण ये सिलेंडर रसोइयों तक नहीं पहुंच रहे।

रसोइयों की समस्याएं और स्वास्थ्य पर असर

रसोइयों ने बताया कि वे लकड़ी या अन्य असुरक्षित साधनों का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं, जिससे उनकी आंखों में जलन और खुजली जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। महिलाओं का कहना है कि समूह संचालकों की लापरवाही और मनमानी के कारण वे असुविधा झेल रही हैं।

मध्यान भोजन की गुणवत्ता पर सवाल

विद्यालयों में मध्यान भोजन की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है। रसोइयों ने आरोप लगाया है कि मीनू सिर्फ कागजों पर दिखाया जाता है, जबकि वास्तविकता में छात्रों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल पाता। समूह संचालकों की मिलीभगत के कारण मध्यान भोजन का उद्देश्य पूरी तरह विफल हो रहा है।

निरीक्षण और जवाबदेही की कमी

स्थानीय प्रशासन और अधिकारी भी इस मुद्दे पर लापरवाह दिख रहे हैं। रसोइयों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी कभी भी नियमित निरीक्षण के लिए नहीं आते। इससे समूह संचालकों को मनमानी करने की छूट मिल रही है।

उज्ज्वला योजना का उद्देश्य विफल

सरकार उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गैस सिलेंडर और सब्सिडी प्रदान कर रही है, लेकिन इस क्षेत्र में योजना का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। रसोइयों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के नाम पर हेराफेरी की जा रही है।

स्थानीय प्रशासन से मांग

ग्रामीणों और रसोइयों ने मांग की है कि शासन इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे। अनियमितताओं की जांच के लिए उच्चस्तरीय टीम भेजी जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही, मध्यान भोजन योजना का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले और रसोइयों को बेहतर कार्य परिस्थितियां मिलें।

यह भी पढ़ें :-  उदयपुर राजपरिवार संपत्ति विवाद: सिटी पैलेस के बाहर पथराव, 3 घायल

सीधी जिले में मध्यान भोजन योजना की मौजूदा स्थिति शासन की योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की विफलता को उजागर करती है। यह आवश्यक है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करे, ताकि न केवल बच्चों को पोषण मिले, बल्कि रसोइयों को भी सम्मानजनक और सुरक्षित कामकाजी माहौल मिल सके।

RELATED ARTICLES

Most Popular